दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्र पर हमलावर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। ऐसे समय में सभी दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शांति बनाए रखी जाए, इसके बजाय सरकार को दोषी ठहराया जाना गंदी राजनीति है। इस हिंसा का राजनीतिकरण करना गलत है। वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने निशाना साधा है।
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने दिल्ली में हुई हिंसा पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा के ऊपर कांग्रेस राजनीति कर रही है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सस्ती राजनीति करना छोड़ दे। पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस अपना काम कर रही हैं। अभी शांति और सद्भाव कायम करने का समय है।
दिल्ली हिंसा पर सोनिया गांधी की टिप्पणी असमय में आई
प्रसाद ने कहा कि सोनिया गांधी की टिप्पणी असमय और प्रतिकूल समय में आई है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है और मैं इसकी आलोचना करता हूं। कांग्रेस के बारे में बहुत कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बड़ा संकट आता है तो कांग्रेस कैसी राजनीति करती है, यह किसी से छिपा नहीं है। कांग्रेस ने डोनाल्ड ट्रंप के सम्मान में दिए गए रात्रि भोज का बहिष्कार किया। कांग्रेस के नेता एक परिवार के मोह से निकल नहीं पा रहे हैं।
कई लोगों ने जानबूझकर हिंसा फैलाई है
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में तनाव खत्म होना चाहिए। कई लोगों ने जानबूझकर हिंसा फैलाई है। बालाकोट या ऊरी हो कांग्रेस का रुख पहले ही सबके सामने आ चुका है। ऐसे समय में जब दिल्ली में शांति की जरूरत है तब सोनिया गांधी इस तरह के बयान कांग्रेस की छोटी राजनीति को दर्शाते हैं। वहीं, ट्रंप के स्वागत भोज में कांग्रेस का नहीं आना छोटी राजनीति का नमूना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सस्ती और हल्की राजनीति नहीं करें इससे देश का मान कम होता है। दिल्ली की घटना पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर शांति की अपील की है। अमित शाह जी ने सर्वदलीय बैठक की है।
सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर साधा था निशाना
इससे पहले दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोनिया गांधी ने दिल्ली में फैली हिंसा के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया और उनसे तुरंत इस्तीफा देने को कहा। इस दौरान सोनिया गांधी ने दिल्ली हिंसा पर मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे और हिदायत भी दी।
सोनिया गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की समय पर कार्रवाई नहीं करने से 20 लोगों की जान चली गई। एक पुलिसकर्मी की भी जान गई। कांग्रेस कार्यसमिति सभी पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं। उन्होंने कहा कि पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस समिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। सोनिया ने कहा- दिल्ली सरकार भी शांति बनाए रखने में असफल साबित हुई। दोनों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली इस त्रासदी का शिकार हुई।
केंद्र और राज्य सरकार से सोनिया गांधी के ये हैं सवाल-
- पिछले इतवार से देश के गृह मंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे?
- पिछले इतवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे?
- दिल्ली चुनाव के बाद इंटेलिजेंस एजेंसी के द्वारा क्या जानकारी दी गई?
- इतवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब ये साफ था कि दंगे और भी फैलने वाले हैं?
- जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे, पुलिस का कोई कंट्रोल नहीं बचा था तो अतिरिक्त सुरक्षाबलों को क्यों तैनात नहीं किया गया?
अमित शाह पर सोनिया गांधी का तीखा वार
कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के निशाने पर सीधे तौर पर अमित शाह रहे। सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, खास तौर से गृह मंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार भी शांति सदभाव बनाए रखने में विफल हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी में ऐसे हालात बने हैं।'
प्रियंका गांधी ने लोगों से की अपील, बोली- हिंसा न करें, सावधानी बरतें
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सीएए को लेकर हो रही हिंसा पर प्रियंका गांधी ने बुधवार दिल्ली के लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार कि हिंसा न करे, सावधानी बरतें और शांति बनाए रखें। उन्होंने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि हिंसा फैलने पर वे शांति बनाए रखें।
कांग्रेस की आपात बैठक हुई
इससे पहले सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल के नुकसान और हर रोज बिगड़ती व्यवस्था पर कांग्रेस की आपात बैठक हुई। इसके बाद मोदी सरकार को राजधर्म याद दिलाने के लिए प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सभी नेता राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च करने की योजना थी, जिसे बाद में बदल दिया गया। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कल का समय दिया है। राष्ट्रपति के पद का सम्मान रखते हुए हमने पैदल मार्च को कल तक के लिए टाल दिया है।
मृतकों की संख्या बढ़कर 22 हुई
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर बुधवार को 22 पर पहुंच गई है। जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंगलवार को मरने वाले लोगों की संख्या 13 बताई गई थी। जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया, 'मृतकों की संख्या आज बढ़कर 22 हो गई।' इससे पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल से कम से कम चार शवों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल लाया गया।