कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देश को तोड़ने वाला वादा करार दिया है। अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र देश की एकता के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वादे जनता से किए हैं वो कभी पूरे नहीं किए जा सकते। उन्होंने कश्मीर को लेकर कांग्रेस की तीखे शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक ड्राफ्टिंग कमेटी थी लेकिन जम्मू-कश्मीर के मामले में लगता कि कुछ महत्वपूर्ण बिंदु ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ में कांग्रेस अध्यक्ष के दोस्तों ने ड्राफ्ट किए हैं।
'कांग्रेस एक भी वोट पाने की हकदार नहीं'
अरुण जेटली ने कहा, 'कांग्रेस का आज का नेतृत्व जेहादियों और माओवादियों के चंगुल में है, वो घोषणा पत्र में कह रहे हैं कि आईपीसी से सेक्शन 124-A हटा दिया जाएगा, देशद्रोह करना अब अपराध नहीं है, जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है, वो एक भी वोट की हकदार नहीं है।" वित्त मंत्री ने कहा कि जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह ने भी इसमें बदलाव लाने की कोशिश नहीं की। जेटली ने कहा कि पिछले 72 वर्षों में भारत को आतंकवाद का सबसे ज्यादा दंश झेलना पड़ा है, लेकिन पहले जो देश कोतोड़ना चाहते थे, वे देश में कब से सक्रिय हो गए हैं?
'राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर चुनौती'
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस AFSPA को कमजोर करने की बात कर रही है, उनके घोषणापत्र के मुताबिक अब सेना के अधिकारी पर किसी सरकारी अनुमति के बिना ही मामला दर्ज हो पाएगा। जेटली ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि आतंकवादियों और हार्डकोर क्रिमिनल्स को ज्यादा से ज्यादा बेल मिले और मुश्किल परिस्थितियों में जेल हो। उन्होंने कहा कि अगर इस थ्योरी का पालन किया गया तो राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर चुनौती का सामना करना होगा।
कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र 'हम निभाएंगे'
कांग्रेस ने 2019 के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र “हम निभाएंगे” जारी कर दिया है। घोषणा पत्र में पांच अहम बातों पर फोकस किया गया है। इसके तहत पांच करोड़ गरीब परिवारों को न्याय योजना के तहत हर साल 72 हजार रुपये, मार्च 2020 तक शर्तों के साथ 22 लाख सरकारी नौकरियां, मनरेगा में 100 दिन की जगह 150 दिन की रोजगार गारंटी और किसानों पर कर्ज नहीं चुकाने पर अब क्रिमिनल अपराध नहीं माना जाएगा। इसके अलावा किसानों के लिए अलग बजट पेश किया जाएगा। कांग्रेस ने घोषणा पत्र के जरिए ग्रामीण भारत और युवाओं को साधने की खास तौर से कोशिश की है। पार्टी की रणनीति है कि जिन मुद्दों पर सत्ता में बैठी मोदी सरकार बात करने से बच रही हैं, उन्हीं को चुनावी कैंपेन का प्रमुख मुद्दा बनाया जाय। इसीलिए घोषणा पत्र जारी करते हुए राहुल गांधी ने बार-बार मोदी सरकार को झूठे वादे करने वाली सरकार बता कर हमला भी किया।
कांग्रेस के घोषणा पत्र की अहम बातें
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि जिस तरह से हमारी पार्टी का चिन्ह पंजा है और उसमें पांच अंगुलियां हैं। उसी आधार पर घोषणा पत्र में के पांच अहम बिंदु हैं। उन्होने यह भी कहा कि हम भाजपा सरकार की तरह झूठे वादे नहीं कर रहे हैं। हम उनकी तरह 15 लाख का झूठा वादा नहीं करेंगे। न्याय स्कीम के जरिए 5 साल में देश के 20 फीसदी गरीब परिवारों को 3.60 लाख रुपये देंगे। न्याय स्कीम को अहम बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा यह कदम 'गरीबी पर वार, 72 हजार' है।
रोजगार को लेकर
दूसरी अहम बात की घोषणा करते हुए राहुल ने कहा कि इस समय युवाओं को रोजगार की जरूरत है। हम मोदी की तरह 2 करोड़ रोजगार देने का झूठा वादा नहीं करने जा रहे हैं। सबसे पहले हम सरकार में आने के बाद मार्च 2020 तक खाली पड़े 22 लाख सरकारी पदों पर भर्तियां करेंगे। घोषणा पत्र के अनुसार केंद्र के तहत चार लाख पदों पर नौकरियों की भर्ती मार्च 2020 तक कर दी जाएगी। जबकि पद जो राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के तहत खाली हैं, उन्हें नियुक्ति के लिए कहा जाएगा।इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर 10 लाख रोजगार दिए जाने का भी वादा किया है। साथ ही बिजनेस शुरू करने पर पहले तीन साल तक किसी भी तरह के परमिशन की जरूरत नहीं होगी।
‘मनरेगा में अब 150 दिन की रोजगार गारंटी’
तीसरा प्रमुख वादा उन्होंने किसान और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने का किया है। पार्टी सबसे पहले मनरेगा में अब एक साल में 100 दिन की जगह 150 दिन की रोजगार गारंटी दी जाएगी। इसके अलावा किसानों के लिए अलग बजट लाया जाएगा। एक अहम घोषणा राहुल गांधी ने किसानों द्वारा कर्ज नहीं चुकाने पर उन्हें बड़ी राहत देने की बात कही है। घोषणा पत्र के अनुसार किसान अगर कर्ज नहीं चुका पाएंगे तो उन पर क्रिमिनल अपराध की धारा नहीं लगेगी। अब सिविल अपराध के तहत कार्रवाई होगी। यानी कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों को जेल नहीं होगी।
‘शिक्षा पर जीडीपी का छह फीसदी खर्च’
चौथा और पांचवां प्रमुख वादा शिक्षा पर जीडीपी का छह फीसदी खर्च करने का ऐलान किया गया है। अभी करीब तीन फीसदी राशि खर्च की जाती है। जबकि पांचवें वादे के तहत सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बात कही गई है। हालांकि राहुल गांधी ने साफ किया है कि उनका मॉडल निजी बीमा कंपनियों के भरोसे नहीं होगा। बल्कि सरकारी कंपनियों के भरोसे होगा।
‘देशद्रोह की धारा124-एखत्म करेंगे’
घोषणा पत्र के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए को खत्म किया जाएगा। उसके अनुसार इस धारा का दुरूपयोग हुआ है। इसके अलावा नया कानून भी आ गया है। ऐसे में इसे खत्म किया जाएगा। पार्टी इस कदम से निश्चित तौर से उन वोटरों को साधने की कोशिश की है जो कि हाल के दिनों में छोटी-छोटी बातों पर देशद्रोह के दायरे में आए हैं।