एजेंसी के मुताबिक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अगुवाई में यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित होना था लेकिन इस संबंध में दिल्ली पुलिस से अनुमति न मिलने के कारण इसका स्थान बदलकर जंतर मंतर कर दिया गया है।
जोशी ने दिल्ली पुलिस द्वारा अनुमति न दिये जाने को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार शांतिपूर्ण ढंग से किये जाने वाले विरोध-प्रदर्शनों पर भी रोक लगा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब जन्तर-मन्तर पर बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के साथ किये जा रहे सौतेले व्यवहार के प्रति अपनी आवाज बुलंद करेंगे। २४ मार्च 10 बजे सत्याग्रह उपवास शुरू किया जायेगा जो अगले दिन यानी 25 मार्च की सुबह 10 बजे तक जारी रहेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्याय ने पिछले सप्ताह 24 घंटे के सत्याग्रह उपवास की घोषणा करते हुए आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को मिल रही सहायता में 2200 करोड रूपये की कटौती करने के अलावा अनुरोध किये जाने के बावजूद रेल और आम बजट में भी राज्य को कुछ नहीं दिया। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2016 में हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ और चारधाम की तैयारियों के लिये कु न देने, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार के प्रस्ताव की अनदेखी, विशेष औद्योगिक पैकेज न प्रदान करने, पेट्रोलियम मूल्यों में अन्तरराष्टीय बाजार मूल्यों के सापेक्ष कमी न होने, राज्य के गन्ना किसानों के 140 करोड रूपये के बकाये का देने से मुकरने, विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने तथा उत्तराखंड को केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण की परिधि में न लाने सहित करीब 13-14 मुद्दों को लेकर राज्य के कांग्रेस जन सत्याग्रह उपवास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकर्ता केंद्र सरकार को जगाने के लिये नयी दिल्ली में जंतर मंतर पर सत्याग्रह का कार्यक्रम कर चुके हैं और अगर कल के उपवास के बाद भी वह नहीं चेती, तो आगे भी दिल्ली में हर महीने ऐसे ही कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।