भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, योजना का पहला दिन आज रामनवमी के दिन पड़ा, जिसकी वजह से लोगों को खचाखच भरी मेट्रो में सफर करना पड़ा। वाहनों के परिचालन पर बंदिशों के कारण ऑटो रिक्शा वालों ने भी ज्यादा किराया वसूला। सिर्फ यही नहीं दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन पर बड़ी तकनीकी खराबी से सेवा कई घंटे तक प्रभावित रही। इसकी वजह से सम-विषम योजना के पहले दिन 23 किलोमीटर लंबे गलियारे पर हजारों यात्री कई घंटे फंसे रहे।
दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि वह सोमवार को सम-विषम योजना को लेकर अपना विरोध जताने के लिए सम-विषम नियम का उल्लंघन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से किया जा रहा प्रचार स्टंट है। गोयल ने एक बयान में कहा, केजरीवाल की तस्वीरों के प्रचार के लिए हर रोज करदाताओं का धन खर्च किया जा रहा है। यदि वह योजना को लेकर इतने ही आश्वस्त हैं तो प्रचार पर करोड़ों रुपये क्यों खर्च कर रहे हैं और इसे एक ही बार में स्थायी तौर पर क्यों नहीं लागू कर दे रहे?
उपाध्याय ने कहा कि हजारों माता-पिता और अभिभावक चिंतित हैं, क्योंकि कल स्कूल खुलेंगे। भाजपा नेता ने इस दावे पर भी सवाल उठाए कि लोग अपनी मर्जी से इस योजना का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यदि दिल्ली सरकार लोगों के सहयोग को लेकर इतनी आश्वस्त है तो उसे 2,000 रुपये का चालान करने का नियम वापस ले लेना चाहिए और तब नतीजा देखना चाहिए।
उधर, दिल्ली मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों ने कहा कि रेड लाइन पर सेवा मुख्य रूप से 12 बजकर 37 मिनट से लेकर शाम पांच बजकर 50 मिनट तक ओवरहेड तार (ओएचई) के क्षतिग्रस्त होने की वजह से प्रभावित रही। ये तार कश्मीरी गेट और शास्त्री पार्क स्टेशन के बीच चार स्थानों पर टूटे हुए थे।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस इकाई ने भी आज आप सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर सम विषम योजना लागू करके लोगों पर दबाव डालने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि सम विषम योजना तभी सफल हो सकती है जब शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार हो। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, दिल्ली की सत्ता में लगभग डेढ़ वर्ष तक रहने के बावजूद आप सरकार सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार किए बिना सम विषम योजना का दूसरा चरण लागू करके लोगों पर दबाव डाल रही है।
उन्होंने डीटीसी के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि आप सरकार के ड़ेढ़ वर्ष के शासन में डीटीसी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा, 2012-2013 में डीटीसी के बेड़े की ताकत 5445 बसों की थी जो आप सरकार में जनवरी, 2016 में कम होकर 4421 रह गई।