संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के चलते सदन में कुछ ही घंटे काम हो पाया। संसद में हुए हंगामे को लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू भावुक भी हो गए। इस बीच विपक्ष ने राज्यसभा में सांसदों को पीटने का आरोप लगाया है। साथ ही संसद में हंगामे को लेकर दुख भी जताया है।
इसी बीच बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने भी संसद में हंगामे को लेकर दुख जताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि संसद में ऐसा दृश्य उन्होंने कभी नहीं देखा। मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा, "देश की संसद व इसके उच्च सदन राज्यसभा में गत दिनों सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने अपने लम्बे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव व तीव्र विरोध आदि देखे हैं किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा है।"
वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो सरकार कहती है अगर आप उसी को सच मान लें तो ठीक है। हम तो वहां देखे हैं, राज्यसभा के सभी सदस्यों ने देखा है। फुटेज को आप क्या-क्या कर सकते हैं सबको मालूम है। वहां फोर्स आई कैसे? इतने नॉर्मल मार्शल्स तो वहां नहीं थे और इतनी महिलाएं भी नहीं थीं।
इससे पहले विजय चौक से संसद तक पैदल मार्च के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि मंगलवार को राज्यसभा में महिला सांसदों को पीटा गया।
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "विपक्ष को सदन में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला और महिला सांसदों के खिलाफ कल की घटना लोकतंत्र के खिलाफ थी क्योंकि ऐसा लगा कि हम (विपक्ष) पाकिस्तान की सीमा पर खड़े हैं।
बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही तय समय से दो दिन पहले ही स्थगित हो गई है। ओबीसी संशोधन बिल पास होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाएगी।