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क्या आज़ादी इसलिए मिली कि देश अंग्रेजों के बजाय भाजपा का गुलाम बन जाए: लद्दाख की स्थिति पर केजरीवाल

लद्दाख की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के...
क्या आज़ादी इसलिए मिली कि देश अंग्रेजों के बजाय भाजपा का गुलाम बन जाए: लद्दाख की स्थिति पर केजरीवाल

लद्दाख की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सवाल किया कि क्या देश को अंग्रेजों से आजादी केवल भारतीय जनता पार्टी का गुलाम बनने के लिए मिली थी।

एक्स पर अपने एक पोस्ट में केजरीवाल ने कड़े शब्दों में आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता के नशे में चूर है और एक के बाद एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल रही है तथा संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीन रही है।

उन्होंने लिखा, "लद्दाख में आज जो कुछ हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए। क्या हमने अंग्रेजों से आज़ादी सिर्फ़ इसलिए ली थी कि जनता अंग्रेजों की बजाय भाजपा की गुलाम बन जाए?"

पोस्ट में लिखा है, "भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी ताकि हर भारतीय को अपनी सरकार चुनने का अधिकार मिले। लेकिन आज सत्ता के नशे में चूर भाजपा एक के बाद एक राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश में बदल रही है और संविधान प्रदत्त अधिकारों को छीन रही है।"

केजरीवाल ने अपने पोस्ट में आगे आरोप लगाया कि भाजपा लद्दाख के लोगों की आवाज को दबा रही है और बार-बार वादे करने के बावजूद लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं दे रही है।

देश में तानाशाही की मौजूदगी पर प्रकाश डालते हुए केजरीवाल ने अपने पोस्ट के माध्यम से लोगों से लोकतंत्र की लड़ाई में सरकार के खिलाफ बोलने का आग्रह किया।

पोस्ट में आगे लिखा है, "लद्दाख के लोग क्या मांग रहे हैं? वे बस वोट देने का अधिकार, अपनी सरकार चुनने का अधिकार मांग रहे हैं। लेकिन भाजपा उनकी आवाज़ दबा रही है। बार-बार वादा करने के बावजूद, वह उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं दे रही है। लोकतंत्र लोगों की आवाज़ है... और जब सरकार उसी आवाज़ को दबाने लगे, तो लोगों का फ़र्ज़ बनता है कि वे और ज़ोर से बोलें।"

उन्होंने लिखा, "अगर हमें देश के लोकतंत्र को बचाना है, तो हम इस तानाशाही के ख़िलाफ़ अब और चुप नहीं रह सकते। लद्दाख में आज की लड़ाई कल पूरे देश की लड़ाई बन सकती है।"

इस बीच, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा माँग रहे विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने और पुलिस के साथ हुई झड़पों के बाद स्थिति का आकलन किया गया। 

उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सतर्कता, मज़बूत अंतर-एजेंसी समन्वय और सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

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