कांग्रेस महासचिव और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने 1989 में 17 साल की उम्र में चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेना शुरू किया था और अब उनके पास इसमें 35 साल का अनुभव है।
वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले कलपेट्टा में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुईं थीं, उसके बाद से 35 वर्षों में उन्होंने अपनी मां, सोनिया गांधी, अपने भाई राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार किया है।
उनका यह बयान भाजपा की वायनाड लोकसभा उपचुनाव की उम्मीदवार नाव्या हरिदास के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह लोगों का प्रतिनिधित्व करने में प्रियंका की तुलना में अधिक अनुभवी हैं।
प्रियंका गांधी के भाषण के दौरान मंच पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि वह वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उम्मीदवार बनाए जाने को सम्मान की बात मानती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में हुए भूस्खलन के समय वायनाड के लोगों द्वारा दिखाए गए साहस से वह बहुत प्रभावित हुईं।
प्रियंका वाम गठबंधन एलडीएफ के प्रत्याशी सत्यन मोकेरी और भाजपा की नाव्या हरिदास के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव में वायनाड के साथ उत्तर प्रदेश के रायबरेली से भी निर्वाचित हुए थे। बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया। इस वजह से यहां उपचुनाव हो रहा है।
वायनाड में 13 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।