पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान अब तक कई ऐसे बयान सामने आए हैं जो चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन प्रतीत होता है। पहले चुनाव आयोग ने सोमवार को सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया। जिसके खिलाफ वो धरने पर बैठी हैं।
अब चुनाव आयोग ने भाजपा के नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। बीजेपी नेता राहुल सिन्हा के खिलाफ चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए 48 घंटे तक चुनाव प्रचार की रोक लगा दी है। उन पर सशस्त्र बलों के संबंध में आपत्तिजनक बयान देने के आरोप हैं। वहीं, ईसी ने भाजपा के बड़े नेता और नंदीग्राम से ममता को टक्कर देने वाले शुभेंदु अधिकारी को चेतावनी दी है। साथ ही बंगाल प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष को नोटिस जारी किया गया है। शुभेंदु अधिकारी पर 29 मार्च को आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप है।
बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष को चुनाव आयोग ने बुधवार सुबह 10 बजे तक का समय दिया है। चुनाव आयोग ने उनसे कूच बिहार में हुई हिंसा पर दिए बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने राज्य विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान कूचबिहार में हुए हिंसा को लेकर विवादित बयान दिए हैं।
एक रैली में राहुल सिन्हा ने कहा, “सीतलकूची में 4 नहीं, बल्कि 8 लोगों को मारना चाहिए था। केंद्रीय बलों को कारण बताओ नोटिस भेजना चाहिए कि उन्होंने सिर्फ 4 लोगों को क्यों मारा।“ ममता बनर्जी इस घटना को नरसंहार बताया था। उन्होंने कहा था कि सुरक्षा बलों द्वारा इन लोगों के शरीर के निचले हिस्से में भी गोली मारी जा सकती थी जबकि सभी के छाती और सिर में गोलियां मारी गई।