पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही बीजेपी के लिए मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ ही रही हैं। एक एक करके पार्टी के बड़े नेताओं की टीएमसी में घर वापसी को लेकर बीजेपी के सामने संकट खड़ा हो गया है। इस बीच विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में गए सांसद सुनील मंडल ने भाजपा को सवालों में खड़ा कर बीजेपी की धड़कने तेज कर दी हैं। इससे पहले कल ही शुभेंद्र अधिकारी राज्यपाल से मिलने गए तो उनके साथ सिर्फ 51 विधायक ही राजभवन जा सके।
चुनाव से पहले तृणमूल छोड़ बीजेपी का बगवा झंडा थामने वाले सांसद सुनील मंडल ने कहा है कि टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले कई नेता असहज महसूस कर रहे हैं। उन्हें दिल से स्वीकार नहीं किया गया है। बीजेपी में कुछ लोग सोचते हैं कि पार्टी में नए लोगों पर भरोसा करना सही नहीं है। सुनील मंडल के बयान से साफ है बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है और आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में कुछ बड़ी उठापठक होने का अंदेशा साफ लगाया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी राज्य के चुनाव परिणामों के घोषित होने के बाद हुई हिंसा के बारे में बात करने के लिए राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान अधिकारी सिर्फ 51 विधायकों को ले जा सके। शेष 26 विधायक अधिकारी के साथ नहीं गए, इस बात को लेकर अब राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ये घटना तब हुई है जब तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं की अब टीएमसी में वापसी होने लगी है।
मुकुल रॉय के टीएमसी के जाने बाद के बाद बीजेपी के कई नेताओं के वापस टीएमसी में शामिल होने की बात कही जा रही है में, टीएमसी के नेता राजीव बनर्जी, जो चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, वह भी कोलकाता में दिलीप घोष की ओर से बुलाई गई एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे। हाल में वे टीएमसी के दो नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं।
इससे पहले टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर सुनील कुमार मंडल को बर्धमान पुरबा लोकसभा क्षेत्र से अयोग्य घोषित करने की मांग की है, उनसे तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है। उन्होंने दलबदल करने वाले सांसद के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की अपील की है।