चक्रवाती तूफान ‘फैनी’ भयंकर नुकसान देकर चला गया है। इस शक्तिशाली तूफान की चपेट में आने से 12 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। एक तरफ जहां ‘फैनी’ के विनाश के बाद जीवन को दोबारा पटरी पर लाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस पर सियासत गरमा गई है। केंद्र सरकार ने बंगाल में भी फानी तूफान से हुए नुकसान के लिए एक रिव्यू बैठक का प्रस्ताव रखा था, लेकिन राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने प्रधानमंत्री (पीएमओ) कार्यालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ने सोमवार को ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘फैनी’ की वजह से हुई बर्बादी को लेकर राज्य सरकार के साथ समीक्षा बैठक (रिव्यू मीटिंग) की और इसी तरह की समीक्षा बैठक पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करने की योजना थी लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने चुनाव प्रक्रिया में अधिकारियों की व्यस्तता का हवाला देते हुए बैठक करने से इनकार कर दिया।
पीएमओ के सूत्रों ने इन खबरों को बताया झूठा
इससे पहले पीएमओ के सूत्र ने मीडिया की उन खबरों को झूठा बताया जिसमें दावा किया गया था कि तूफान फानी के गुजरने के बाद राज्य की स्थिति का पता लगाने के लिए पीएम मोदी ने सिर्फ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को फोन किया और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन नहीं किया।
ममता बनर्जी से नहीं हो पाई थी पीएम मोदी की फोन पर बात
इस बैठक से पहले रविवार को खबर आई थी कि फैनी तूफान की जानकारी को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से ममता बनर्जी को फोन किया गया था लेकिन पीएम मोदी की ममता बनर्जी से बात नहीं हो पाई थी। जब मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पाई तो पीएम मोदी ने राज्य के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से राज्य के हालात की जानकारी ली थी।
ओडिशा के बाद बंगाल पहुंचा था फैनी
बता दें कि ओडिशा में तबाही मचाने के बाद फैनी तूफान ने बंगाल की ओर रुख किया था, जिसके बाद वह बांग्लादेश की ओर चला गया था। बंगाल के कई इलाकों में फानी की वजह से तेज आंधी और बारिश देखने को मिली थी, हालांकि यहां कोई हताहत नहीं हुआ था।
माना जा रहा है कि यह चक्रवात बीते 43 सालों में पहली बार ओडिशा पहुंचने वाला पहला और बीते 150 सालों में आये तीन सबसे ताकतवर तूफानों में से एक था।