कांग्रेस ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताना चाहिए कि आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को बढ़ाने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक के विषय पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का क्या रुख है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री इस मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं। रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महाराष्ट्र दौरे का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जाति जनगणना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक के मुद्दे पर भाजपा का क्या रुख है?’’
उन्होंने दावा किया कि जब राहुल गांधी जाति जनगणना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए निर्धारित 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को जोरदार ढंग से उठा रहे हैं तब प्रधानमंत्री इस मामले पर रहस्यमई चुप्पी साधे रहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बंजारा समुदाय जाति जनगणना की मांग करता रहा है, क्योंकि यह लंबे समय से चली आ रही आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांगों को आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका है।
रमेश ने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री इतने खामोश क्यों हैं? उन्हें किस बात का डर है?’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(5) में सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त सभी सार्वजनिक और निजी शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय ने 29 जनवरी 2014 को इस संशोधन की संवैधानिकता को बरकरार रखा था। प्रधानमंत्री इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर 10 साल तक क्यों सोते रहे और इस प्रावधान को कानूनी रूप से लागू करने के लिए कोई विधेयक क्यों नहीं लाए?’’
रमेश ने यह सवाल भी किया कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ को चुनाव से इतना डर क्यों लग रहा है? उन्होंने किसानों की खुदकुशी के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए कि किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए भाजपा क्या कर रही है? महाराष्ट्र में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।