पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ममता बनर्जी के बेहद करीबी मंत्री फिरहाद हकीम को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार सुबह सीबीआई की टीम चेतला स्थित मंत्री के आवास पर पहुंची और फिर गिरफ्तार कर अपने सीबीआई दफ्तर ले गई।
अब ममता बनर्जी खुद सीबीआई दफ्तर पहुंच चुकी है। ममता बनर्जी के फिर से सत्ता में वापसी के बाद अब उनके नजदीकी माने जाने वाले फिरहाद हकीम निशाने पर आ गए हैं। फिरहाद हकीम पश्चिम बंगाल सरकार के शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
नारद घोटाले के एक मामले में सीबीआई ने पहले ममता सरकार में मंत्री फिरहद हकीम के घर छापेमारी की है मंत्री का दावा है कि उन्हें सीबीआई ने हिरासत में ले लिया है और उन्हें लेकर सीबीआई दफ्तर गई है। इसके अलावा टीएमसी नेता सुब्रतो बनर्जी, मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को भी सीबीआई अपने दफ्तर ले गई है।
सीबीआई पहले भी 8 घंटे कर चुकी है पूछताछ
2016 में नारद स्टिंग ऑपरेशन के तहत एक पत्रकार ने वीडियो जारी किया गया था जिसमें हकीम को कथित तौर पर रिश्वत लेते देखा गया था। इस मामले में 19 सितंबर 2017 को सीबीआई ने उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की थी। हकीम ने उस वक्त कहा था कि सीबीआई जांच उनकी पार्टी के खिलाफ एक "राजनीतिक साजिश" थी और "उन्हें किसी भी फुटेज में नकद लेते नहीं देखा गया था। इसके पहले भी वह एक बयान के चलते विवाद में आए थे।
मिनी पाकिस्तान कह आए थे विवाद में
2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले, हकीम ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से बात करते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र को "मिनी-पाकिस्तान" कहा था। हालांकि, उन्होंने इस तरह के बयान देने से इनकार किया। उन्होंने कहा, "उसने (पाकिस्तानी पत्रकार ने) मुझसे केवल इतना पूछा कि यह जगह पाकिस्तान के कराची जैसी दिखती है। उसी आधार पर मैंने बयान दिया था।
1990 के दशक के अंत में, हकीम पहली बार कोलकाता नगर निगम के पार्षद के रूप में चुने गए थे। इसके बाद वह 11 नवंबर 2009 को, वह अलीपुर निर्वाचन क्षेत्र से पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए चुने गए