योगी ने लखननऊ में धर्मनिरपेक्षता की प्रचलित समझ पर सवाल खड़ा किया और कहा किकेंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने हर योजना समाज के अंतिम व्यक्ति को केंद्र में रखकर बनाई है, जाति और धर्म पर बिना किसी भेद के, फिर भी हमें (भाजपा) सांप्रदायिक कहा जाता है।
उन्होंने इसी क्रम में कहा कि सपा बसपा हर काम जाति और धर्म मजहब के आधार पर करते हैं, फिर भी स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं...आखिर यह कैसी धर्मनिरपेक्षता है। अयोध्या, काशी और मथुरा के बारे में हुए सवाल पर योगी ने कहा कितीनों पवित्र स्थान हैं। अयोध्या में अब तक जो हुआ है राम भक्तों ने किया है, आगे भी जो भी होगा राम भक्त ही करेंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों से हिंदुओं के कथित पलायन के सवाल को जोरशोर से उठाने वाले योगी ने इस संबंध में उन्होंने कहा कि वे वही मुद्दे उठाते है जो जनता से जुड़े होते है। यह भी कहा कि लगभग दो दर्जन कस्बे ऐसे है, जहां यह बात साफ दिखती है। जनसांख्यिकी असंतुलन यहां एक सच्चाई है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए लोक कल्याण संकल्प पत्र के रूप में जारी पार्टी के घोषणा पत्रा में पलायन, तीन तलाक, समेत तमाम मुद्दों के जिक्र पर योगी ने कहा, भाजपा जनता से जुड़े हर मुद्दे उठाती है और उठाएगी। यह पूछे जाने पर कि भाजपा तीन तलाक के मुद्दे पर प्रदेश में सरकार बनने पर अदालत में पार्टी बनने की बात क्यों कह रही है, आदित्यनाथ ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए समाज की हर महिला के हित की रक्षा आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा, यदि शरीर का कोई भी हिस्सा कमजोर हो तो शरीर पूरी तरह मजबूत नहीं हो सकता।
योगी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सपा, बसपा के 14 साल के शासनकाल में अराजकता बढ़ी है, किसान बदहाल हुआ है और युवक बेरोजगार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में असुरक्षा का वातावरण है, किसान आत्महत्या करने और युवक पलायन के लिए मजबूर है। भाजपा ने संकल्प पत्र में जनता से जुड़े हर मुद्दे को उठाया है। (एजेंसी)