कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पार्टी को आयकर विभाग की ओर से 3500 करोड़ रुपये से अधिक के जुर्माने का नोटिस मिलने का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि नियमों के उल्लंघन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि उस पर 4,600 करोड़ रुपये का जुर्माना बनता है।
उन्होंने यह सवाल किया कि जो नियम कांग्रेस पर लागू किया जा रहा है वही नियम भाजपा पर क्यों लागू नहीं होता?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को आयकर विभाग से एक बार फिर नया नोटिस मिला है, जिसके जरिये आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई है। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग की जा चुकी है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कांग्रेस पर 3,567 करोड़ का जुर्माना क्यों? कांग्रेस पर आरोप है कि 1994-95 में, फिर 2014-15 और 2016-17 में पार्टी के खाते में नेताओं-कार्यकर्ताओं ने कुछ पैसे जमा कराए थे जिसकी एक-एक जानकारी पहले ही आयकर विभाग को साझा की जा चुकी थी। मगर सरकार कांग्रेस पर जानकारी न देने का मनमाना आरोप थोप रही है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सजा मिली तथा उसके खाते से आयकर विभाग ने 135 करोड़ रुपये निकाल लिए, 3567 करोड़ का जुर्माने का नोटिस दिया और कांग्रेस के बैंक खाते बंद कर दिए।
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि भाजपा के पैसों का जो हिसाब-किताब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद है, उसके मुताबिक, 2017-18 में 1297 लोगों ने बिना नाम-पते के, बिना पूरी जानकारी के भाजपा को 42 करोड़ रुपये दिए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की इस बेनामी 42 करोड़ रुपये की आय पर आयकर विभाग को न कोई आपत्ति है, न कोई कार्रवाई हुई है।
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘राजनीतिक दलों के पैसों के हिसाब-किताब के नियमों का जो उल्लंघन भाजपा ने किया है, उसके लिए उस पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना बनता है। लेकिन उस पर चूं की आवाज भी नहीं उठती। ’’
उन्होंने सवाल किया कि जो नियम कांग्रेस पर लागू किया जा रहा है वही नियम भाजपा पर क्यों लागू नहीं होता?
उन्होंने दावा किया, ‘‘दरअसल, चुनाव के समय यह एकतरफा कार्रवाई हमें और 140 करोड़ भारतवासियों की आवाज कमजोर करने के लिए की जा रही है।’’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘हम दोगुनी ताकत से लड़ेंगे। देश की जनता भाजपा के लोकतंत्र-विरोधी मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देगी।’’