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"सिद्धू को तानाशाही की इजाजत क्यों दी गई ?" कैप्टन अमरिंदर का रावत से सवाल, कहा- दुनिया ने देखा कैसे मुझे अपमानित किया गया

पंजाब में कांग्रेस के भीतर राजनीतिक कलह जारी है। खींचातानी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह...

पंजाब में कांग्रेस के भीतर राजनीतिक कलह जारी है। खींचातानी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है।

वहीं, कांग्रेस पार्टी में खुद को अपमानित बताकर हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के दावों को प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार को झूठा बताया था।

अब कैप्टन ने पलटवार करते हुए कहा है कि दुनिया ने देखा कि किस तरह उन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने यह भी सवाल किया है कि आखिर नवजोत सिंह सिद्धू को तानाशाही की इजाजत क्यों दी गई?

रावत ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक तरफ सिद्धू का बचाव किया तो अमरिंदर सिंह पर कई सवाल उठाए। कैप्टन के 'अपमान' के दावों को गलत बताते हुए रावत ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं।

हरीश रावत ने कहा, ''वह 1980 से कांग्रेस से जुड़े हैं और 3 बार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और दो बार मुख्यमंत्री बने हैं। अपमान की बात कहने से पहले उन्हें (अमरिंदर सिंह) कांग्रेस के उन नेताओं से तुलना कर लेनी चाहिए थी जिन्हें उनसे काफी कम मिला।''

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा, ''मेरा जो अपमान हुआ उसे दुनिया ने देखा और तब भी रावत इससे उलट दावे कर रहे हैं। यदि यह अपमान नहीं था तो क्या था। यदि पार्टी मेरा अपमान नहीं करना चाहती थी तो नवजोत सिंह सिद्धू को सोशल मीडिय और अन्य प्लैटफॉर्म पर महीनों तक खुले तौर पर मेरी आलोचना और हमले की इजाजत क्यों दी गई। क्यों सिद्धू की अगुआई में बागियों को मेरे अधिकार को कमतर करने की खुली छूट क्यों दी गई?''

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