केन्द्र की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाकर सियासत को गर्म करने वाले यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने मीडिया के सामने कई सवाल उठाए।
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— ANI (@ANI) 28 September 2017
सिन्हा ने कहा कि 40 महीने तक सरकार में रहने के बाद अब हम पुरानी सरकार को दोष नहीं दे सकते। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “बहुत दिनों से हमें पता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है। इसके लिए हम पहले की सरकार को दोष नहीं दे सकते क्योंकि हमें पूरा मौका मिला। 40 महीने से सरकार में हैं।”
‘अर्थव्यवस्था में नहीं आई तेजी’
उन्होंने कहा कि हम यूपीए-2 के समय पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे, लेकिन आज भी नीतियां वैसी ही हैं। जिस रफ्तार में परियोजनाओं के क्रियान्यवन में तेज़ी आनी चाहिए थी, वह इस सरकार में नहीं आई। वहीं नोटबंदी और जीएसटी के रूप में जनता को एक के बाद एक दोहरे झटके दिए गए।
जीएसटी पर सरकार ने की जल्दबाजी
यशवंत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय हम लोग पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे। तब लाखों करोड़ की परियोजनाएं रुकी हुई थीं। उन परियोजनाओं के लिए बैंकों ने लाखों करोड़ का कर्ज दिया था। परियोजनाओं के लटकने से बैंकों का पैसा भी फंस गया था। बैंकों का 8 लाख करोड़ फंसा है। जीएसटी लागू करने के तरीके से समस्याएं और बढ़ीं। यशवंत सिन्हा ने कहा, “जीएसटी का मैं सबसे बड़ा समर्थक हूं लेकिन इसे लागू करने में सरकार ने जल्दबाजी की।”
लेख के जरिए उठाए सवाल
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर कई सवाल खड़े किए। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में बुधवार को अपने लेख में उन्होंने कहा कि आज के समय में न ही नौकरी मिल रही है और न विकास तेज गति से हो पा रहा है। निवेश घट रहा है और जीडीपी भी घट रही है। जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और व्यापार पर काफी असर पड़ा है। उन्होंने नोटबंदी को आर्थिक आपदा करार दिया। उन्होंने लिखा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया। नोटबंदी एक बड़ी आर्थिक आपदा साबित हुई है। ठीक तरीके से बिना घटिया तरीके से लागू करने के कारण जीएसटी ने कारोबार जगत में उथल-पुथल मचा दी है। वहीं जीडीपी पर उन्होंने लिखा कि जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। यदि पुरानी पद्धति के हिसाब से देखें तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती। यशवंत सिन्हा ने प्रमुख रूप से वित्तमंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा। उन्होंने चुटकी लेते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है। ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम कर रहे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी करीब से दिखाएं।”