भाजपा के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को राष्ट्र मंच की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम किसानों के मुद्दों को लेकर आंदोलन करेंगे और उसके साथ दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की ग़लत नीतियों को उजागर करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम सब यहां महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए आए हैं। उन्होंने युवाओं से इस आंदोलन में शामिल होने को कहा। दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी भी शामिल हुईं।
इससे पहले, उन्होंने एक ट्वीट में कहा था, 'कुछ भी करो किंतु कर्तव्य पथ से भागूंगा नहीं।' उन्होंने कहा कि यह मंच उन लोगों के लिए है जो देश की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूंगा नहीं ! Calling the Youth of the Country to join the movement. #राष्ट्रमंच #nationalforum https://t.co/xWnsrnrI6v
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 29, 2018
उन्होंने कहा कि मैं घोषणा करता हूं कि राष्ट्र मंच का सबसे बड़ा मुद्दा किसानों का होगा। एनपीएस को ही देख लीजिए। नोटबंदी को मैं आर्थिक सुधार मानता हूं, फिर बुरी तरह लागू की गई जीएसटी उससे छोटे उद्योग मर गए। बेरोजगारी का क्या हाल है, भूख और कुपोषण के चलते बच्चों का भविष्य ख़तरे में है।
आंतरिक सुरक्षा को देख लीजिए ऐसे लगता है कि भीड़ ही न्याय करेगी और जब जाति और धर्म पर भीड़ तंत्र आगे आता है तो उसकों संभालना सबसे मुश्किल है। उन्होंने कहा कि बताया जाता है कि हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि विदेश नीति है, पर डोकलाम को ही देख लीजिए। खबरों को माने तो जो चीन 10% था वो 90 % हो गया है. अब कोई 56 इंच की छाती को नहीं पूछता।
ये नेता यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच में हुए शामिल
यशवंत सिन्हा के राष्ट्रीय मंच में शत्रुघ्न सिन्हा, दिनेश त्रिवेदी (टीएमसी), माजिद मेमन, संजय सिंह (आप), सुरेश मेहता (पूर्व मुख्यमंत्री गुजरात), हरमोहन धवन (पूर्व केंद्रीय मंत्री), सोमपाल शास्त्री (कृषि अर्थशास्त्रविद), पवन वर्मा (जेडीयू), शाहिद सिद्दीक़ी, मोहम्मद अदीब, जयंत चैधरी (आरएलडी), उदय नारायण चौधरी (बिहार), नरेंद्र सिंह (बिहार), प्रवीण सिंह (गुजरात के पूर्व मंत्री), आशुतोष (आप) और घनश्याम तिवारी (सपा) शामिल हुए हैं।