पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद ये तीनों सांसद उत्तर प्रदेश और गोवा में पार्टी द्वारा दी गई ज़िम्मेदारी संभालेंगे, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए अपनी संसद सदस्यता नहीं छोड़ेंगे।
मनोहर पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है। वह यूपी से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। वहीं योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से और मौर्य फूलपुर से भाजपा के सांसद हैं। राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ के महापौर थे। वह अपने पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
सांसद से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने इन भाजपा सदस्यों के पास अभी छह महीने का समय है। यानी इनके पास इस्तीफा देने के लिए सितंबर तक का समय है, जबकि राष्ट्रपति पद का चुनाव जुलाई में होना है। भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया, 'उन्हें (मनोहर पर्रिकर, योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य) छह महीने में राज्य सदन में निर्वाचित होना होगा और चुने जाने के 14 दिनों के अंदर लोकसभा या राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा। लिहाजा अभी इन्हें कोई जल्दी नहीं है... उप-चुनाव में जाने की अपेक्षा हमारे पास दूसरे गंभीर मुद्दे हैं।'
भाजपा सूत्रों ने बताया कि अभी पार्टी का ध्यान राष्ट्रपति चुनाव पर है क्योंकि हाल के विधानसभा चुनावों में मिली बड़ी सफलता के बाद अगला राष्ट्रपति पार्टी की पसंद का होगा। योगी और मौर्य के पास सदन के एक निर्वाचन क्षेत्र के अलावा विधान परिषद से भी उप-चुनाव लड़ने का विकल्प है क्योंकि उत्तर प्रदेश में दो सदन हैं। योगी से पहले मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव और मायावती परिषद के ही सदस्य थे क्योंकि उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। योगी भी लोकसभा से इस्तीफा देने की जल्दी में में नहीं हैं और पार्टी के कई विधायक उन्हें अपनी सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे रहे हैं।