गृह मंत्री अमित शाह द्वारा साल 2002 के दंगों का जिक्र करने वाले बयान पर ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। गुजरात स्थित भरूच एक रैली में गृह मंत्री शाह ने मौजूद लोगों से पूछा- "जब कांग्रेसी थे तब आए दिन दंगे होते थे की नहीं होते थे?" गृह मंत्री ने कहा- "लेकिन, 2002 में जब नरेंद्र भाई थे तब एक ऐसा ही प्रयास किया गया, 2002 में इन्होंने हिंसा करने की हिम्मत की थी, इनको ऐसा पाठ पढ़ाया कि 2022 यानी आज के दिन तक अब कोई जरा भी ऐसा प्रयास करने का नाम नहीं ले रहा।"
गृह मंत्री के इस बयान पर ओवैसी ने कहा- "मैं गृह मंत्री को बताना चाहता हूं, 2002 में आपने जो सबक सिखाया था, वह यह था कि बिलकिस के बलात्कारी आपके द्वारा रिहा किए जाएंगे, आप बिलकिस की 3 साल की बेटी के हत्यारों को रिहा करेंगे, अहसान जाफरी को मार दिया जाएगा ... वो सबक आपने सिखाया, कौन कौन सा सबक आपका याद रखेंगे अमित शाह साहब बता दीजिए।"
सांसद ने कहा- "याद रखना सब से सत्ता छिन जाती है। सत्ता के नशे में, गृह मंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने सबक सिखाया … अमित शाह साहब, आपने क्या सबक सिखाया कि दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए?"
एआईएमआईएम प्रमुख यहीं नहीं रुके, उन्होंने शाह पर हमला बोलते हुए आगे कहा, अमन उसी वक्त मजबूत होता है जब मजलूमों से इंसाफ होता है। आप सबक सिखाने की बात करते हैं मगर कानून भूल जाते हैं। इख्तेदार में आकर लोग भूल जाते हैं, इख्तेदार किसी के पास नहीं रहा। इख्तेदार किसी के पास नहीं रहेगा। एक दिन इख्तेदार सबसे छीना जाएगा।’
ओवैसी ने आगे कहा, ‘इख्तेदार के नशे में डूबकर आज भारत के गृह मंत्री कह रहे हैं कि सबक सिखाया हमने। अरे आपने कौन सा सबक सिखाया कि मुल्क में बदनामी हो गई। अमित शाह साहब आपने कौन सा सबक सिखाया कि दिल्ली में फसाद हो गया।’
बता दें कि शुक्रवार को कहा था कि 2002 में ‘सबक सिखाने’ के बाद गुजरात में अब शांति ही शांति है। इसी बयान को लेकर ओवैसी ने उन पर हमला बोला।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात में पहले असामाजिक तत्व हिंसा में लिप्त होते थे और कांग्रेस उनका समर्थन करती थी। हालांकि अब 2002 में ‘सबक सिखाने’ के बाद अपराधियों ने ऐसी गतिविधियां बंद कर दी हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य में स्थायी शांति कायम की है।
शाह ने दावा किया कि गुजरात में 2002 में दंगे इसलिए हुए क्योंकि अपराधियों को लंबे समय तक कांग्रेस से समर्थन मिलने के कारण हिंसा में शामिल होने की आदत हो गई थी। बता दें कि गुजरात में फरवरी 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में आग लगने की घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।