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यूथ कांग्रेस के विवादित ट्वीट के बाद परेश रावल ने दोहराई गलती, मांगनी पड़ी माफी

सियासी जंग की भाषा और विमर्श का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच जुबानी लड़ाई...
यूथ कांग्रेस के विवादित ट्वीट के बाद परेश रावल ने दोहराई गलती, मांगनी पड़ी माफी

सियासी जंग की भाषा और विमर्श का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच जुबानी लड़ाई में प्रयोग होने वाले शब्दों पर हो हल्ला भी तेज है। मंगलवार को कांग्रेस की युवा ईकाई यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन के ट्वीटर हैंडल ‘युवा देश’ की तरफ से एक तस्वीर पोस्ट की गई, जिस पर बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। यूथ कांग्रेस ने विवादित तस्वीर (मीम) ट्वीट की थी, उसमें पीएम मोदी को चाय बेचने की नसीहत दी गई थी।

इस मसले पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस तस्वीर को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस को गरीब विरोधी और वर्गभेदी बताया।

जिसके बाद भाजपा के कई बड़े मंत्री कांग्रेस पर हमलावर हो गए। केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, "आज कांग्रेस पार्टी का अहंकार और ग़रीबों के प्रति उनकी अपमानजनक सोच फिर एक बार उजागर हो गयी है। क्या गरीब परिवार के लोगों को भारत का प्रधानमंत्री बनने का अधिकार नहीं है? सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देश के सभी गरीबों का अपमान करने वाले यूथ कोंग्रेस के इस ट्वीट का जबाव देना होगा।"


हालांकि हंगामा बढ़ने पर यूथ कांग्रेस की ओर से माफी मांग ली गई। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने ट्वीट कर कहा, “युवा देश' ट्विटर हैंडल यूथ कांग्रेस नहीं बल्कि युवा स्वयंसेवकों द्वारा चलाया जाता है।  हम इस तरह के उपहास को स्वीकार नहीं करते हैं और माफी मांगते हैं। हम प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं।''

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "हमारी पार्टी इस तरीके के मजाक को रिजेक्ट करती है। उन्होंने कहा कि नीतियों और विचारों पर मतभेद अलग बात है, लेकिन कांग्रेस की संस्कृति प्रधानमंत्री और सभी राजनीतिक विरोधियों का सम्मान करने वाली है।"

यह मामला शांत नहीं हो पाया था कि भाजपा सांसद और अभिनेता परेश रावल ने भी एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।  इसे लेकर ट्विटर यूजर की ओर से जमकर आलोचना हुई। परेश रावल ने यह ट्वीट देर रात किया, जब इस ट्वीट हंगामा हुआ तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।

परेश रावल ने ट्वीट डिलीट करते हुए लिखा, “ट्वीट को डिलीट कर दिया है, क्योंकि ये बुरा था। मैं भावनाएं आहत करने के लिए माफी चाहता हूं।”

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, आदि भी इस तरह के अपमानजनक ट्वीट वगैरह के निशाने पर रहं हैं। सोशल मीडिया के युग में विभिन्न राजनीतिक दल एक दूसरे का जमकर मजाक उड़ाते हैं। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक ऐसी टिप्पणियों का इस्तेमाल अब आम हो रहा है जिसमें अपमानजनक भाषाओं की भरमार रहती है। इस मामले में तो कम से कम माफी भी मांग ली गई जबकि इससे पहले कई ऐसे प्रकरण हुए जिसमें माफी माफी मांगने की जरूरत भी महसूस नहीं की गई। पिछले दिनों ही बीजेपी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को रंगीनमिजाज साबित करने का प्रयास किया। इस दौरान उन्‍होंने नेहरू की अपनी बहनों और भांजियों के साथ वाली तस्‍वीरें पोस्‍ट कर दी। इन तस्‍वीरों में नेहरू परिवार के सदस्‍यों के साथ स्‍नेह के भाव में दिखाई दे रहे हैं।

आपको याद दिला दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी को कांग्रेस के दिग्गज नेता मणिशंकर अय्यर 'चायवाला' कहकर तंज कसे थे। अब देखने की बात होगी कि गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा 'चायवाला' विवाद को छेड़ना किस तरह राजनीति को प्रभावित करता है। 

 

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