बुधवार यानी आज राज्यसभा में चुनाव सुधार को लेकर बहस होगी। इसको लेकर 14 विपक्षी पार्टियों की ओर से नोटिस जारी किया गया है।
कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, आप और सीपीआई समेत 14 विपक्षी दलों ने राज्यसभा में नियम 176 के तहत 'चुनाव सुधारों की जरूरत' पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। इस सत्र में विपक्षी दलों की ओर से यह ऐसा पहला प्रयास है, जहां सभी मुख्य विपक्षी पार्टियां किसी मुद्दे को लेकर एकमत हुई हैं।
चुनाव सुधार के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के अलग-अलग एजेंडे हैं। सत्ताधारी दल जहां ‘एक देश एक चुनाव’ पर बल दे रहा है, वहीं विपक्ष ईवीएम की विसंगतियों पर बहस करना चाहता है।
इस दौरान चुनावी बॉन्ड, वन नेशन वन इलेक्शन और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की खराबी के बारे में चर्चा की जाएगी।
वन नेशन, वन इलेक्शन पर सरकार का दावा
इनमें से कई विपक्षी दल पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा "वन नेशन, वन इलेक्शन" पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक से दूर रहे हैं। ऐसे में आज की चर्चा उन्हें मामले पर अपने विचारों को प्रसारित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। जबकि मोदी सरकार ने यह दावा किया था कि अधिकांश राजनीतिक दल "वन नेशन, वन इलेक्शन" विचार के पक्ष में रहे। उन्होंने 19 जून को घोषणा की थी कि इस अवधारणा की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन करेंगे।
ईवीएम को लेकर पहले भी उठाते रहे हैं सवाल
इससे पहले भी विपक्षी दल ईवीएम के मुद्दे पर अपने विचार रखते रहे हैं। बीते लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों ने 50 फीसदी वीवीपैट मिलान की बात कही थी, जिसे पहले चुनाव आयोग बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके अलावा विपक्ष का कहना था कि वोट गिनने से पहले ही वीवीपैट मशीनों का ईवीएम से मिलान कर लिया जाए। चुनाव आयोग ने ये प्रस्ताव भी अस्वीकार कर दिया था।
इन मुद्दों पर भी हो सकती है बहस
ईवीएम के अलावा जिन मुद्दों पर बहस हो सकती है उनमें चुनाव खर्च का राज्य द्वारा वहन करने का मुद्दा प्रमुख है। इस बारे में गठित इंद्रजीत गुप्ता समिति ने 1998 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसके अलावा चुनावों में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर भी बहस होने की संभावना है।