सरकार ने कल से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इससे पहले नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध और शोरशराबे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज नहीं हो सका था। सरकार ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि बजट निर्धारित समय पर पेश किया जायेगा और इस बारे में विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि इससे कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव प्रभावित होंगे। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों का सहयोग मांगा और कहा कि चुनाव के समय में हमारे बीच कुछ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं लेकिन संसद महापंचायत है और इसे सुचारू रूप से काम करना चाहिए।
अनंत कुमार ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार को केंद्रीय बजट समय से पूर्व नहीं बुलाना चाहिए क्योंकि इससे आसन्न विधानसभा चुनाव में समान अवसर प्रदान करने की पहल प्रभावित होगी। कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग ने इस विषय पर पहले ही अपना फैसला सुना दिया है। अनंत कुमार ने कहा, बजट इस साल भी वैसे की पेश किया जायेगा जैसे पूर्व में किया जाता था। सरकार का प्रयास होगा कि बजट का सभी को लाभ मिले और देश आगे बढ़े। इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को बजट सत्र समय से पहले नहीं बुलाना चाहिए था।
कांग्रेस नेता ने 2012 में उत्पन्न एेसी ही स्थिति का जिक्र किया जब तत्कालीन संप्रग सरकार ने राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र को टाल दिया था। आजाद ने कहा, हमने सरकार से कहा है कि उन्हें बजट सत्र बुलाने के बारे में एेसी घोषणा से बचना चाहिए था जो पांच राज्यों में चुनाव के दौरान समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रभावित करता हो। कांग्रेस के एक अन्य नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और माकपा महासचिव सीताराम येचूरी ने मांग की कि बजट सत्र के पहले हिस्से में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा करायी जानी चाहिए।