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विशेष सत्र: भाजपा ने सभी पार्टी के सांसदों को जारी किया व्हिप, 18 से 22 सितंबर तक सदन में मौजूद रहने को कहा

संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की लड़ाई के बीच अब भाजपा ने सभी पार्टी के...
विशेष सत्र: भाजपा ने सभी पार्टी के सांसदों को जारी किया व्हिप, 18 से 22 सितंबर तक सदन में मौजूद रहने को कहा

संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की लड़ाई के बीच अब भाजपा ने सभी पार्टी के लोकसभा सांसदों और अपने लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को अत्यंत महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर चर्चा करने और सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए 18 से 22 सितंबर तक सदन में उपस्थित रहने के लिए लाइन व्हिप जारी किया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के पांच दिवसीय सत्र के पहले, बुधवार को संविधान सभा से शुरू होकर संसद की 75 साल की यात्रा पर एक विशेष चर्चा सूचीबद्ध की। सत्र के दौरान, सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विधेयक को भी विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। यह बिल पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था।

हालांकि, कांग्रेस ने इसे लेकर बुधवार को केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि सत्र के लिए फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, वह "कुछ नहीं के बारे में बहुत कुछ" है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार अपने पास अंतिम क्षण में छोड़े जाने वाले विधायी हथगोले रख रही है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, "आखिरकार, श्रीमती सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के दबाव के बाद, मोदी सरकार 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष 5-दिवसीय सत्र के एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई है।"

"फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, वह इस बारे में बहुत कुछ है कि नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इन सबके लिए इंतजार नहीं किया जा सकता था। मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह अंतिम क्षण में सामने आने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। परदे के पीछे कुछ और है!"

जयराम रमेश ने कहा, "इसके बावजूद, INDIA गठबंधन दल "कपटी" सीईसी विधेयक का दृढ़ता से विरोध करेंगे।" इसपर, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सत्र के अब तक घोषित एजेंडे में सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में उठाए गए सार्वजनिक महत्व के एक भी मुद्दे की बात नहीं की गई है।

बता दें कि इस सत्र में संसद की कार्यवाही पुराने भवन से नए संसद भवन में चलने की संभावना है। लोकसभा के लिए अन्य सूचीबद्ध कार्यों में 'द एडवोकेट्स (संशोधन) बिल, 2023' और द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, 2023' शामिल हैं, जो पहले ही 3 अगस्त, 2023 को राज्यसभा द्वारा पारित कर दिए गए हैं।

एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, इसके अलावा, 'द पोस्ट ऑफिस बिल, 2023' को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है। यह बिल इससे पहले 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था। व्यवसाय की सूची अस्थायी है और अधिक आइटम जोड़े जा सकते हैं।

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार ने पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले 17 सितंबर को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक भी बुलाई है।

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