कांग्रेस नेता आनंद शर्मा द्वारा राष्ट्रपति के भाषण की आलोचना के बाद राज्य सभा में हंगामा मच गया। इसके चलते सदन को तीसरी बार स्थगित करना पड़ा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि आनंद शर्मा के भाषण को सदन की कार्रवाई से निकाल देना चाहिए।
कांग्रेस का कहना था कि राष्ट्रपति ने भाषण में नेहरू का कोई जिक्र नहीं किया। आनंद शर्मा ने कहा, 'हर देश और समाज अपने देश को बनाने वालों को इज्जत देता है। भारत में भी यह संस्कृति रही है। जैसे गांधी जी को पूरे देश में सम्मान हासिल है, उनके साथ नेहरू भी थे और वो भी जेल गए थे।'
आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि गांधी की तुलना दीन दयाल उपाध्याय से की जा रही है।
इस पर अरूण जेटली ने गुस्से में कहा कि, 'आप सिर्फ कैमरे के लिए शून्य काल का इस्तेमाल नहीं कर सकते और यहां पर यही हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आनंद शर्मा का पूरा भाषण हटा देना चाहिए। भारत के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) पर इस तरह सवाल उठाना ठीक नहीं है। यहां उन्हें घसीटने का क्या औचित्य है। हम आपकी मंशा जानते हैं।'