कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने से जुड़े आदेश का विषय सोमवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि देश में सौहार्द एवं एकता कायम रखने के लिए इस ‘‘विभाजनकारी आदेश’’ को वापस लिया जाना चाहिए।
पंजाब के पटियाला से लोकसभा सदस्य गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘कांवड़ यात्रा पर दुकानदारों के नाम लिखने का आदेश दिया गया है। यह एक विभाजनकारी कदम है। इससे समाज में तनाव पैदा होगा। यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।’’
गांधी ने आरोप लगाया कि इस ‘विभाजनकारी एजेंडे’ को लागू करके भाजपा अपना राजनीतिक उद्देश्य पूरा करना चाहती है। उनका कहना था, ‘‘सांप्रदायिक सौहार्द और एकता को कायम रखने के लिए इस आदेश को वापस लिया जाए।’’
कांग्रेस सांसद हिबी ईडेन ने पेपर लीक का मुद्दा सदन में उठाया और कहा कि सरकार को उच्च स्तरीय समिति गठित करनी चाहिए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस मामले को उच्चतम न्यायालय देख रहा है और सीबीआई जांच कर रही है और फिर भी आप समिति की बात कर रहे हैं।
शून्यकाल में कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ ने मराठी को शास्त्रीय का दर्जा दिए जाने की मांग सरकार से की।