संसद के शीतकालीन सत्र का 16वां दिन भी राफेल के मुद्दे पर गरम है। इस बीच लोकसभा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लेकर दिए अपने बयान पर सोमवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया है।
लोकसभा में अपने बयान पर रक्षा मंत्री ने कहा कि 2014 से 2018 तक एचएएल को करीब 26 हजार करोड़ के ऑर्डर मिल चुके हैं और करीब 73 हजार करोड़ के ऑर्डर मिलना पेंडिंग हैं। उन्होंने कहा कि एचएएल की ओर से मुझे इस बात की पुष्टि की गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल पर चर्चा के दौरान मैंने जो कहा कि वह सही थी।
रक्षा मंत्री के जवाब के बाद बीजेपी सांसद राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। बता दें कि शीतकालीन सत्र की सिर्फ एक और बैठक बची है। लोकसभा में आज कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल डील की जेपीसी जांच के लिए नियम 193 के तहत चर्चा का नोटिस दिया है। इसके अलावा कांग्रेस सांसद की ओर से रक्षा मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया गया है।
राहुल-सीतारमण में आरोप प्रत्यारोप
पिछले कई दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और निर्मला सीतारमण के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दैर चल रहा है। राहुल गांधी ने निर्मला सीतारमण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाने के लिए संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद का आदेश देने पर झूठ बोला गया। राहुल ने दावा किया कि एचएएल का कहना है कि उसे 'एक पैसा भी नहीं मिला।' राहुल ने निर्मला सीतारमण पर यह आरोप लगाते हुए उनसे सबूत दिखाने या इस्तीफा देने की चुनौती दी थी, जिसे स्वीकरते हुए रक्षा मंत्री ने कथित तौर पर एचएएल से हुई डील के दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं।
रक्षा मंत्री की तरफ से इस संबंध में ट्वीट किया गया और बताया गया कि कब और कितने पैसों की रक्षा डील एचएएल से की गई। रक्षा मंत्री ने दस्तावेज जारी कर दावा किया है कि 2014-18 के बीच HAL ने 26570.8 करोड़ के सौदे साइन किए हैं। जबकि 73000 करोड़ की डील पाइपलाइन में हैं। ये दावा करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल को चुनौती दी कि क्या राहुल गांधी अब संसद के सामने देश से माफी मांगेंगे और इस्तीफा देंगे?
राहुल गांधी ने लगाए ये आरोप
इससे पहले राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को ट्वीट कर चुनौती दी और कहा कि सबूत दिखाएं या फिर इस्तीफा दें। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, 'जब आप एक झूठ बोलते हैं, तो आपको पहले झूठ को छिपाने के लिए और अधिक झूठ बोलना पड़ता है। पीएम के राफेल झूठ का बचाव करने की उत्सुकता में, रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला। कल रक्षा मंत्री को संसद के दस्तावेजों से पहले एचएएल को 1 लाख करोड़ के सरकारी आदेश दिखाने होंगे। या इस्तीफा दें।' राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल वित्तीय संकट से जूझ रही है और वह अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए धन उधार लेने को मजबूर है। इसी आरोप पर जोर देते हुए कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था, ‘झूठ बोलने वाली रक्षा मंत्री का पर्दाफाश हो गया। रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि एचएएल को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद के ऑर्डर दिए गए हैं। एचएएल का कहना है कि उसे एक पैसा तक नहीं मिला क्योंकि एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।’
एचएएल से लगातार डील हो रही है: सीतारमण
कांग्रेस आरोप लगा रही है कि मौजूदा सरकार ने राफेल डील एचएएल के बजाय अनिल अंबानी के साथ कराई और उन्हें फायदा पहुंचाया जबकि मोदी सरकार का कहना है कि उनके राज में एचएएल को मजबूत करने का काम किया गया है। संसद में राफेल डील से जुड़े आरोपों पर सफाई देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एचएएल से लगातार रक्षा सौदे किए जा रहे हैं।