कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुई हिंसा की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर जो कुछ भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका किसी भी सूरत में समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान रैली के मार्गो को शुरुआत में बदल दिया गया।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराई जानी चाहिए। इसके लिए दो महीने की समय सीमा तय होनी चाहिए। दोषियों को हर कीमत पर सजा दी जानी चाहिए।
श्री बाजवा ने कहा कि कानून जल्दबाजी में लाए गए हैं। इनको इनको पारित करनी में संसदीय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून कॉरपोरेट के हितों के लिए लाए गए हैं। सरकार को इनको तुरंत वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को किसान नेताओं के साथ बातचीत करनी चाहिए और कानून वापिस लेने का आश्वासन देना चाहिए।