पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों द्वारा कचरा फैलाए जाने से केंद्र की भाजपानीत सरकार के पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे खासे नाराज हैं। उन्होंने आज इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग पर्यटनस्थलों पर जाते हैं और वहां कचरा फैलाकर आ जाते हैं।
दवे ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन एक बड़ी समस्या है और सरकार इस समस्या से निपटने के लिए गंभीरता से सोच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर कदम उठाना चाहती है।
भाषा के मुताबिक दवे ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अनुराग सिंह ठाकुर द्वारा किए गए पूरक सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने बताया कि देश में आठ क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया और अब इसमें पश्चिमी घाट क्षेत्र को भी जोड़ दिया गया है। पर्यावरण मंत्री ने पर्यावरण से जुड़े सदस्यों के विभिन्न सवालों के जवाब में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में न्यायमूर्ति धर्माधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, उस समिति का जो भी फैसला होगा, केंद्र सरकार उसे मानने को बाध्य है।
एजेंसी
दवे ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन एक बड़ी समस्या है और सरकार इस समस्या से निपटने के लिए गंभीरता से सोच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर कदम उठाना चाहती है।
भाषा के मुताबिक दवे ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अनुराग सिंह ठाकुर द्वारा किए गए पूरक सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने बताया कि देश में आठ क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया और अब इसमें पश्चिमी घाट क्षेत्र को भी जोड़ दिया गया है। पर्यावरण मंत्री ने पर्यावरण से जुड़े सदस्यों के विभिन्न सवालों के जवाब में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में न्यायमूर्ति धर्माधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, उस समिति का जो भी फैसला होगा, केंद्र सरकार उसे मानने को बाध्य है।
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