भारी राजनीतिक विरोध के चलते आखिरकार मोदी सरकार को भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर यू-टर्न लेना पड़ा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियों पर मन की बात कार्यक्रम में बताया कि सरकार दोबारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश नहीं लाएगी, बल्कि भूमि अधिग्रहण कानून में किसानों को फायदा पहुंचाने वाले 13 बिन्दु जोड़े जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा है, लैंड बिल पर सरकार का मन खुला है, हर सुझाव को स्वीकार करने को तैयार हैं। हमने एक ऑर्डिनेंस जारी किया था, जिसकी डेडलाइन 31 अगस्त को खत्म हो रही है। इसे अब खत्म ही होने दिया जाएगा। मैं ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहता जिससे किसान डरे हुए महसूस करें। इस बारे में बहुत दुष्प्रचार किया गया है।
इस तरह अब दोबारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश नहीं लाया जाएगा और यूपीए के समय बना भूमि अधिग्रहण कानून ही लागू रहेगा। लेकिन मोदी सरकार ने पुराने कानून में मुआवजे संबंधी 13 बिंदुओं को शामिल कर किसानों को फायदा पहुुंचाने का दावा किया है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि इन 13 बिंदुओं को नियमों के तहत रविवार से ही लागू किया जाएगा। इस बार मन की बात में प्रधानमंत्री ने 1965 भारत-पाक युद्ध, लंदन में बाबा साहब अंबेडकर स्मारक बनाने की महाराष्ट्र सरकार की पहल, डेंगू के खतरे और जनधन योजना की कामयाबी का भी जिक्र किया।
पिछले दिनों गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा पर अफसोस जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांधी और पटेल की धरती पर हिंसा होना दुखद। गुजरात की घटना ने सबको बैचेन कर दिया। लेकिन बहुत कम समय में गुजरात के प्रबुद्ध लोगों ने हालात को संभाल लिया।