पिछले कई दिनों से कश्मीर में जारी अशांति का मुद्दा उठाते हुए विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में सरकार से वहां जल्द ही राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। विपक्षी दलों ने कश्मीर समस्या पर विचार-विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने, पैलेट गन के उपयोग पर रोक लगाने की भी मांग की। सदस्यों ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजे जाने, आम रिहायशी क्षेत्रों से सेना को हटाने की भी मांग की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने शून्यकाल में कश्मीर की स्थिति का मुद्दा उठाया और कहा कि वहां लगातार 30 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है और आजाद भारत में 1947 के बाद शायद यह पहला मौका है जब किसी प्रांत में लगातार इतने दिनों से कर्प्यू लगा हुआ है। आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री खामोश हैं और तमाशा देख रहे हैं जो अफसोसनाक है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का ताज जल रहा है लेकिन उसकी गर्मी दिल्ली तक नहीं पहुंच रही है। सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि लोग प्रधानमंत्री की बात सुनने के लिए बेताब हैं।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी कश्मीर में लगातार 30 दिनों से जारी कर्फ्यू का जिक्र करते हुए कहा कि हमने भारत में ऐसा कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि सब संस्थान बंद हैं और एक हजार से ज्यादा गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। येचुरी ने पैलेट गन के उपयोग पर आपत्ति जताते हुए इसे अमानवीय और अपराध बताया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि इस्राइल भी पैलेट गन का उपयोग नहीं करता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी से यह संदेश जाता है कि सरकार को उनकी फिक्र नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। भाकपा के डी राजा ने भी राजनीतिक प्रक्रिया की शुरूआत किए जाने पर बल देते हुए कहा कि वहां की स्थिति चिंताजनक है और वहां पैलेट गन का इस्तेमाल बंद होना चाहिए। उन्होंने असैनिक क्षेत्रों में सेना की उपस्थिति कम किए जाने पर भी बल दिया। सपा के नीरज शेखर ने भी सर्वदलीय बैठक का सुझाव दिया वहीं जदयू के शरद यादव ने कहा कि वहां की स्थिति विकट है लेकिन देश में शांति है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रधानमंत्री को बयान देना चाहिए।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार कश्मीर में शांति के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और यह चर्चा कल या बुधवार को कराई जा सकती है। उपसभापति पी जे कुरियन ने सदस्यों से कहा कि सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य इस पर आज चर्चा चाहते हैं अगर संभव हो तो इस पर कल चर्चा की जाए।