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अदालत में हारी कांग्रेस ने संसद में किया हंगामा

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहे जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस सदस्यों ने आज संसद में सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भारी हंगामा किया। इसके कारण दोनों सदनों में कामकाज ठप हो गया और दो बार के स्थगन के बाद कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर देना पड़ा। सुबह लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेसी सदस्य आक्रामक तेवरों के साथ आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। ये सदस्य नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ तानाशाही नहीं चलेगी, बदले की राजनीति बंद करो, हिटलरशाही नहीं चलेगी, हम ना डरे हैं , ना डरेंगे, सच की लड़ाई लड़ेंगे जैसे नारे लगा रहे थे।
अदालत में हारी कांग्रेस ने संसद में किया हंगामा

लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि आसन को इस बारे में न तो कोई नोटिस दिया गया है और न ही कांग्रेस के नेता स्वयं यह बताने को तैयार हैं कि मामला क्या है ? महाजन ने कहा, न तो आपके नेता कुछ बता रहे हैं, न आपने कोई नोटिस दिया है, एेसे ही हंगामा कर रहे हैं। एेसा तो पहली बार हो रहा है सदन में। अध्यक्ष ने कहा, मैं नोटिस के बिना भी आपको बोलने की अनुमति देने को तैयार हूं लेकिन मुझे पता ही नहीं है कि आपका मुद्दा क्या है ? संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने भी कांग्रेसी सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा, सदन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था लेकिन अचानक एेसी कौन सी बात हो गई जिसने विपक्षी सदस्यों को इतना विचलित कर दिया। ये सदस्य बिना नोटिस के भी अपनी बात रख सकते हैं। देश की जनता जानना चाहती है कि उनका मुद्दा क्या है, विषय क्या है ?

 

कांग्रेस के किसी सदस्य ने मुद्दे के बारे में नहीं बताया और वे केवल नारेबाजी करते रहे। हंगामे तथा नारेबाजी के समय सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं। इससे एक दिन पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कोई राहत देने से इंकार कर दिया था और उनसे निचली अदालत के समक्ष पेश होने को कहा था।

  

इसी तरह सुबह राज्यसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच ही उप सभापति पी.जे. कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदस्यों से हंगामा बंद कर अपने स्थानों पर लौट कर अपनी बात कहने को कहा। उन्होंने कहा हंगामा करने के बजाय मुझे बताएं कि आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनकी समस्या अदालत के फैसले को लेकर है, सरकार को लेकर नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए और कानून के अनुसार काम करना चाहिए। कुरियन ने कहा कम से कम आसन को तो पता होना चाहिए कि आपकी नाराजगी का कारण क्या है। उन्होंने पूछा कि क्या विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद कुछ कहना चाहेंगे? बहरहाल, आजाद ने कुछ नहीं कहा।

हंगामा थमते न देख कुरियन ने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर बैठक 11 बज कर तीस मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। बैठक पुन: शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी था। इस बीच सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने शून्यकाल स्थगित करने के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ बदले की भावना के साथ काम कर रही है चाहे वह निजी तौर पर हो या राजनीतिक तौर पर। उन्होंने कहा खास कर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ बदले की भावना से काम किया जा रहा है। एक ओर राज्य में तमाम विकास कार्य रोक दिए गए हैं वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

इस बीच कांग्रेस सदस्यों का आसन के समक्ष हंगामा जारी था। सदन में व्यवस्था बनते न देख कुरियन ने बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दो बार के स्थगन के बाद बारह बजे बैठक शुरू होने पर भी कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। उधर भाजपा के भी कुछ सदस्य जवाबी नारेबाजी करते दिखे। हंगामे को देखते हुए सभापति हामिद अंसारी ने बैठक पहले साढ़े 12 बजे तक के लिए फिर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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