लोकसभा की कार्यवाही एक और दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। मणिपुर मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच सदन के कामकाज पर असर पड़ा है। ऐसे में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव आज दिनभर चर्चा का विषय रहा। अंततः लोकसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि, लोकसभा कल सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को नियमों के तहत आवश्यक 50 से अधिक सांसदों की गिनती के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि बहस का समय वह तय करेंगे और सदन को बताएंगे। स्पीकर का कहना है, ''मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा करूंगा और इस पर चर्चा के लिए उचित समय बताऊंगा।" उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकार करने का समर्थन करने वाले सदस्यों से खड़े होने के लिए कहा।
इसके बाद कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला सहित भारतीय गठबंधन के सदस्य गिनती के लिए खड़े हो गए। इसके बाद बिड़ला ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा। इस अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष विपक्ष आमने सामने हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय मंगलवार को विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन दलों की बैठक में लिया गया। गोगोई असम में कलियाबोर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्वोत्तर क्षेत्र से सांसद हैं।
उधर, राज्यसभा में भी बुधवार को एक बार फिर मणिपुर की स्थिति पर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के सांसदों ने जब हल्ला किया तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उनसे पूछा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा करने की हिम्मत विपक्ष में कब होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मुझे इस पर कड़ी आपत्ति है क्योंकि महिला मंत्रियों और महिला राजनेताओं ने न केवल मणिपुर, बल्कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार पर भी बात की है। मुझे यह बताओ राजस्थान पर चर्चा करने की हिम्मत कब होगी?"
ईरानी ने कहा, "आपमें छत्तीसगढ़ पर चर्चा करने की हिम्मत कब होगी, बिहार में क्या हो रहा है उस पर चर्चा करने की हिम्मत कब होगी।" उन्होंने सत्ता पक्ष के सांसदों की जोरदार जयकार के बीच कहा, जो अपने पैरों पर खड़े थे, "आपमें यह बताने का साहस कब होगा कि कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं के साथ कैसे बलात्कार होता है।"
स्मृति ईरानी ने कहा, "आपमें ये बताने की हिम्मत कब होगी कि राहुल गांधी ने मणिपुर में कैसे आग लगा दी। इस कैबिनेट में महिला मंत्रियों पर संदेह न करें।" 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी है।