सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने रणनीति बनाई है। विपक्ष का कहना है कि आम जनता से जुड़े विषयों को उठाने के लिए हरसंभव संसदीय साधनों का उपयोग किया जाएगा।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पहल पर विपक्षी दलों के नेताओं ने आज अलग से एक बैठक की, जिसमें इस बात पर सबकी सहमति बनी कि विपक्षी सांसद सरकार पर विधेयकों को जल्दबाजी में पारित करने के स्थान पर इन्हें संसद की स्थायी समितियों को भेजने के लिये दबाव बनाएंगे।
एक विज्ञप्ति में बताया गया कि विपक्षी नेताओं की बैठक में महंगाई, किसान आंदोलन, कोविड-19 ‘‘कुप्रबंधन’’ जैसे मुद्दों को मॉनसून सत्र में जोर-शोर से उठाने का फैसला लिया गया।
इस मीटिंग में उच्च सदन से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा, शिवसेना से संजय राउत, कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश, उपनेता कांग्रेस आनंद शर्मा, माकपा से इलामारक करीम और भाकपा से विनय विश्वम शामिल हुए।
वहीं बैठक में लोकसभा से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के भगवंत मान, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर, केरल कांग्रेस के थामसजी, शिवसेना के विनायक राउत आदि शामिल हुए।
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी रविवार को पार्टी के लोकसभा सांसदों की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें किसान आंदोलन, पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों तथा कोविड-19के ‘‘खराब प्रबंधन’’जैसे मुद्दों को जोर शोर से संसद में उठाने का फैसला लिया ।
नेताओं ने कहा कि पार्टी के सांसद इन मुद्दों पर चर्चा की मांग के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दों पर भी दोनों सदनों में चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा सांसदों के साथ ऑनलाइन आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए इन मुद्दों को दमदारी के साथ उठाने और मोदी सरकार को संसद में घेरने की सदस्यों से अपील की। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे आम आदमी से जुड़े हैं,जो सरकार की नीतियों की वजह से परेशानियों का सामना कर रहे हैं।