पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की स्थिति को लेकर कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष पीएम मोदी से बयान की मांग पर अड़ा है। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष गंभीर नहीं। इस बीच विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के बीच 2019 में पीएम मोदी की एक भविष्यवाणी वायरल हो गई है।
दरअसल, साल 2019 में इस तरह के एक प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने इसके पीछे के दलों का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि उन्हें 2023 में भी इसी तरह की कवायद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।"
उन्होंने आम चुनाव से पहले 2019 में अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में जवाब देते हुए कहा था, "मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि 2023 में फिर से अविश्वास लाने का मौका मिले।" सरकारी सूत्रों ने मोदी के भाषण के इस हिस्से को उनकी "भविष्यवाणी" को उजागर करने के लिए साझा किया।
एक विपक्षी सदस्य को जवाब देते हुए, मोदी ने कहा कि यह अहंकार का परिणाम था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की सीटें एक समय में 400 से गिरकर लगभग 40 हो गईं। उन्होंने कहा था कि यह सेवा की भावना का ही परिणाम है कि भाजपा दो सीटों से जीतकर अपने दम पर सत्ता में पहुंची।
गौरतलब है कि मणिपुर की स्थिति पर जारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पर काफी प्रभाव पड़ा है। मंगलवार से अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा जोरों पर थी। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को नियमों के तहत आवश्यक 50 से अधिक सांसदों की गिनती के बाद पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि बहस का समय वह तय करेंगे और सदन को बताएंगे। स्पीकर का कहना है, ''मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा करूंगा और इस पर चर्चा के लिए उचित समय बताऊंगा।"