लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने वाले सांसदों पर निर्णायक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए बुधवार को नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे सड़कों का आचरण संसद के भीतर कर रहे हैं, जबकि वो ‘माननीय’ हैं और उनका व्यवहार ‘माननीय’ जैसा ही होना चाहिए।
संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य पहले दो दिन की तरह ही हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे।
सांसदों के हंगामे को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भड़क गए। उन्होंने कहा कि संसद हमारी गौरवशाली लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था है। सांसदों से मेरी अपेक्षा रहती है कि संसद के अंदर आपका आचरण, व्यवहार, कार्यपद्धति मर्यादित रहना चाहिए। देश की जनता ने आपको उनकी आवाज, उनकी चुनौतियों, उनकी अपेक्षाएं और देश के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भेजा है।
लोकसभा स्पीकर बोले कि आपका जो व्यवहार है वो सड़कों का आचरण है। यह आचरण व्यवहार आप संसद में कर रहे हैं। ये देश देख रहा है। देश आपके आचरण को देख रहा है। मैं दोबारा कहता हूं कि सदन में तख्तियां लेकर आने वालों पर मुझे निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। आप जाइए सदन में बैठिए और मुद्दों पर चर्चा कीजिए। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
तीन दिन से विपक्ष कर रहा हंगामा
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है। बीते दो दिनों से लगातार संसद की कार्रवाई हंगामे की भेंट चढ़ रही है। पहले दिन विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले के मुद्दे को लेकर हंगामा किया। इसके बाद दूसरे दिन बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर हंगामा हुआ। संसद के अंदर से लेकर बाहर तक सियासी संग्राम देखने को मिला। विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा में बिहार एसआईआर का मुद्दा उठाया और जमकर हंगामा किया। नारेबाजी और हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल सकी।