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विपक्ष ने स्मृति के खिलाफ उठाया विशेषाधिकार हनन का मुद्दा

विपक्ष ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय मुद्दों के बारे में कथित तौर पर गलतबयानी और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस की मांग दोनों सदनों में उठाई जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने मांग की कि स्मृति को गलत बयान देने के लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए।
विपक्ष ने स्मृति के खिलाफ उठाया विशेषाधिकार हनन का मुद्दा

लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर आरोप लगाया कि उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर सदन को गलतबयानी के जरिये पूरी तरह गुमराह किया है। प्रश्नकाल के बाद आसन की अनुमति से यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला मामले में सदन को यह कह कर गुमराह किया है कि आत्महत्या करने वाले इस छात्रा को समय रहते कोई डॉक्टर देखने नहीं आया।

 

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने स्मृति के सदन में कुछ दिन पहले दिए गए बयान की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एक संवेदनशील मुद्दे को गलत राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। माकपा के मोहम्मद सलीम ने भी आरोप लगाया कि मानव संसाधन विकास मंत्री ने वेमुला मामले में सच्चाई रखने के बजाय गलतबयानी का सहारा लिया और ऐसा करके उन्होंने सदन का इस्तेमाल देश को गुमराह करने के लिए किया।

 

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि रोहित वेमुला को समय पर चिकित्सीय सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई। हालांकि विश्वविद्यालय की मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि वह समय पर पहुंच गई थीं। भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल ने ईरानी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर वह बातें कहीं थीं। कांग्रेस की रंजीत रंजन ने कहा कि स्मृति ईरानी ने रोहित मामले में हस्तक्षेप करते हुए उनकी चिठ्ठियों का सदन में जिक्र करके गलत संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि सांसद के रूप में हम लोग लगभग 20 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और क्षेत्र की जनता से जुड़े कार्यों के लिए लोग मंत्री को चिठ्ठी नहीं लिखेंगे तो किसको लिखेंगे।

 

उधर राज्यसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने भी भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू होने पर यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला प्रकरण में गलत बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन मामले को योजनाबद्ध ढंग से दबाने की कोशिश की जा रही है। बसपा प्रमुख ने नियम 187 तथा मानव संसाधन विकास मंत्री के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने रोहित प्रकरण की जांच के लिए कथित जांच आयोग में दलित सदस्य को शामिल करने की मांग नहीं मानी है। मायावती ने कहा कि स्मृति ईरानी ने सदन में जो गलत बयानी की है उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि इस मामले में जिन भी सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन के नोटिस दिए हैं उन पर सभापति विचार कर रहे हैं।

 

 

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