सिंधिया ने कहा कि पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान से एक जांच दल आया और इस जांच दल में आईएसआई का एक अधिकारी भी शामिल था। आखिर आईएसआई के अधिकारी को कैसे आने दिया गया। उन्होंने कहा कि जब पाक जांच दल को भारत आने की अनुमति देने के बारे में पूछा गया तब हमारी सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि यह परस्परता एवं आदान-प्रदान के तहत किया गया। जब पाकिस्तानी उच्चायुक्त से इस बारे में पूछा गया तब उनका कहना था कि यह परस्परता और आदान प्रदान के तहत नहीं बल्कि सहयोग का विषय है। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत के एनआईए को पाकिस्तान जाने की अनुमति दी जाएगी, तब उन्होंने कहा कि इसका अनुमान आप लगा सकते हैं। सिंधिया ने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की नीति भावनात्मकता पर आधारित नहीं हो सकती बल्कि इसका ठोस आधार होना चाहिए। ।
इसके बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने को कहा। गुरुवार को प्रश्नकाल शुरू होने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी बात रखना चाहते थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें इसकी अनुमति देते हुए कहा कि वह इजाजत दे रही हैं लेकिन इसे परिपाटी नहीं बनाया जाए। हालांकि इस दौरान सिंधिया ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह उन्हें बात पूरा करने दें। कांग्रेस सदस्यों ने कुछ समय तक इस विषय को उठाने देने की मांग जारी रखी। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकया नायडू ने इस मुद्दे पर कहा कि वह इस विषय पर राजनीति कर रहे हैं। वहीं लोकसभा में सदस्यों के सवालों का जवाब दे रहीं जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस को गंगा की कोई चिंता नहीं है, उसे पाकिस्तान की याद आती है।