वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक मेें कई बातें यूपीए सरकार की हैं। ऐसे में विपक्ष के लोग इस विधेयक का विरोध न करें।
राज्यसभा में विपक्ष के दबाव का सामना कर रही सरकार ने संकेत दिए कि वह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर किसानों की चिंताओं पर गौर करने के लिए तैयार है।
यह भी उम्मीद जतायी गयी है कि अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले विधेयक के प्रावधानों को लेकर आलोचनाओं के मद्देनजर कुछ संशोधन किए जा सकते हैं।
इससे पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय बोर्ड की अनौपचारिक बैठक के बाद ही इस प्रकार के संकेत मिले कि सरकार लचर रुख अपना सकती है। बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत वरिष्ठ मंत्रियों ने शिरकत की जिन्होंने इससे पूर्व कई किसान प्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया था। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के मुताबिक किसानों के मन में कई सारे मुद्दे हैं। हम इन पर विचार करेंगे और इन चिंताओं पर गौर करेंगे।
दूसरी तरफ अण्णा हजारे के नेतृत्व में किसानों का जंतर-मंतर पर धरना जारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी धरने का समर्थन किया है। बताया जा रहा है कि अगर सरकार ने विधेयक को वापस नहीं लिया तो आंदोलन तेज होगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार कुछ बदलावों के साथ विधेयक को पारित कराना चाहती है। लेकिन किसान समर्थक नेता विधेयक को ही वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
भूमि अधिग्रहण पर संसद में हंगामा
संसद के बजट सत्र में भूमि अधिग्रहण सहित कई मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी है। विपक्षी नेताओं ने भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल किसानों के विरोध में है।
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