उन्होंने बताया कि दलित वर्गों को न्याय दिलाने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की अगुवाई में शुरू किए गए आंदोलन को कुछ समय तक कोल्हापुर के राजर्षि शाहू छत्रपति महाराज ने वित्तपोषित किया था। सूत्रों ने बताया कि संभाजी राजे छत्रपति महाराष्ट्र में विभिन्न सामाजिक संगठनों के बीच सद्भाव सुनिश्चित करने और राज्य में किलों के पुनरोद्धार के प्रयासों में शामिल रहे हैं।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पंड्या की ओर से मनोनयन ठुकरा दिए जाने के बाद संभाजी राजे को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। प्रणब ने कहा था कि राज्यसभा का माहौल उनके अनुकूल नहीं है।