पाकिस्तान की जेल में बेद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के साथ उनके परिवार की हुई मुलाकात के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा और लोकसभा में बयान दिया। पाकिस्तान के शर्मनाक व्यवहार की संसद के दोनों सदनों में पक्ष-विपक्ष ने एक सुर में निंदा की।
सदन में अपने संबोधन में करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव के परिवार की मुलाकात राजनयिक कोशिशों से हुई थी। ये खेद का विषय है कि मुलाकात में इस तरह की बदसलूकी की गई। सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मुलाकात को प्रोपेगेंडा बनाया। जाधव की मां सिर्फ साड़ी पहनती हैं, उनके भी कपड़े भी बदलवा दिए गए। मीडिया को मां और पत्नी के नजदीक आने दिया गया, जो हमारी शर्तों के खिलाफ था।
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान जाधव की मां-पत्नी के जूतों के साथ कुछ शरारत कर सकता है। पाकिस्तान में जाने से पहले एयरपोर्ट पर दो जगह मां और पत्नी की चैकिंग हुई, तो क्या जब कोई चिप नहीं दिखाई दी। पूरा सदन पाकिस्तान के इस व्यवहार की निंदा करता है।
सुषमा ने बताया कि कुलभूषण ने अपनी मां को देखते ही सबसे पहले पूछा कि बाबा कैसे हैं क्योंकि जैसे ही उसने मां को बिना मंगलसूत्र और चूड़ी के देखा उसे शक हुआ कि कहीं कुछ अशुभ ना हो गया हो। कुलभूषण ने सबसे पहला सवाल पूछा कि बाबा कैसे हैं।
वहीं राज्यसभा के नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा जाधव की सुरक्षा की चिंता हैं। उन्होंने कहा कि कुलभूषण पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और पाक का बर्ताव काफी निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हमारे सरकार के साथ कितने भी मतभेद हो लेकिन जब देश की बात हो तो हम उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस के अलावा अन्य सभी पार्टियों ने भी सरकार के बयान का समर्थन दिया।
दरअसल 25 दिसंबर को जाधव की मां और पत्नी ने पाक में कुलभूषण से मुलाकात की थी। इस दौरान जाधव और मां-पत्नी के बीच पाकिस्तान ने कांच की दीवार लगा दी थी। पाक ने जाधव की पत्नी के जूते तक उतरवा लिए। उनके जूतों में रिकॉर्डिंग चिप लगे होने का संदेह जताकर फोरेंसिक लैब में भेजा गया है।
इस घटना पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी जा रही है। पाकिस्तान के इस व्यवहार पर विदेश मंत्रालय पहले ही ऐतराज जताया।
जबकि पाकिस्तान की ओर से भारत के आरोपों को खारिज किया गया है और कहा गया है कि जाधव की पत्नी की चप्पल में कुछ संदिग्ध वस्तु थी इसलिए जांच के लिए उन्हें उतरवा लिया गया था।