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राफेल सौदे पर कैग की रिपोर्ट संसद में बुधवार को होगी पेश, कांग्रेस जेपीसी जांच पर अड़ी

राफेल सौदे पर मचे सियासी घमासान के बीच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में मंगलवार...
राफेल सौदे पर कैग की रिपोर्ट संसद में बुधवार को होगी पेश, कांग्रेस जेपीसी जांच पर अड़ी

राफेल सौदे पर मचे सियासी घमासान के बीच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में मंगलवार को पेश नहीं हो सकी। इस बीच कांग्रेस इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की अपनी मांग पर कायम है।

मंगलवार को संसद की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस ने राफेल मुद्दे पर जमकर हंगामा मचाया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेपीसी जांच की अपनी मांग दोहराई। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में कुछ बचा नहीं है, लिहाजा जेपीसी जांच कराने का कोई औचित्य नहीं बनता है। 

सरकार और विपक्ष में तकरार

इस सौदे को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ्रांसीसी कंपनी से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के इस सौदे में कथित घोटाले एवं गड़बड़ी को लेकर सत्तासीन भाजपा और विशेषतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर बने हुए हैं। सत्तारूढ दल ने इन आरोपों को खारिज किया है।

कैग की रिपोर्ट को लेकर सिब्बल ने उठाए सवाल

कैग की रिपोर्ट को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कुछ सवाल उठाए। उन्होंने इस मामले में हितों के टकराव की बात उठायी है। सिब्बल ने कहा है कि मौजूदा कैग राजीव महर्षि सौदे के समय वित्त सचिव थे और इस सौदे से जुड़े थे। ऐसे में उन्हें इसकी ऑडिट से अपने को अलग कर लेना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि महर्षि 24 अक्टूबर 2014 से 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव थे। इसी बीच में प्रधानमंत्री मोदी 10 अप्रैल 2015 को पेरिस गए और राफेल सौदे पर हस्ताक्षर की घोषणा की। सिब्बल ने कहा, ‘‘ वित्त मंत्रालय ने इस सौदे की बातचीत में अहम भूमिका निभायी। अब यह साफ है कि राफेल सौदा राजीव महर्षि के की निगरानी में हुआ। अब वह कैग के पद पर हैं। हमने उनसे दो बार मुलाकात की 19 सितंबर और चार अक्टूबर 2018 को। हमने उनसे कहा कि इस सौदे की जांच की जानी चाहिए क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन वह खुद के खिलाफ कैसे जांच शुरू कर सकते हैं।’’

मनगढ़ंततथ्यों के आधार पर कलंक लगा रही कांग्रेस

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सिब्बल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ‘मनगढ़ंत’ तथ्यों के आधार पर कांग्रेस कैग जैसे संस्थान पर कलंक लगा रही है। जेटली ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘ गलत तथ्यों के आधार पर ‘संस्थानों को नुकसान पहुंचाने वाले’ कैग जैसे संस्थान पर हमला कर रहे हैं। सरकार में 10 साल तक रहने के बाद भी संप्रग के मंत्री यह नहीं जानते कि वित्त सचिव का पद ऐसा पद है जो वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया जाता है।’’       

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