Advertisement

'पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं...', सैम पित्रोदा के बयान से भड़का विवाद; भाजपा ने घेरा तो कांग्रेस ने छुड़ाया पल्ला

अभी तो कांग्रेस पार्टी 'विरासत कर' विवाद पर पर्दा तक नहीं डाल पाई थी, उससे पहले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस...
'पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं...', सैम पित्रोदा के बयान से भड़का विवाद; भाजपा ने घेरा तो कांग्रेस ने छुड़ाया पल्ला

अभी तो कांग्रेस पार्टी 'विरासत कर' विवाद पर पर्दा तक नहीं डाल पाई थी, उससे पहले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बोलकर एक और नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण में लोग "अफ्रीकियों की तरह दिखते हैं और पूर्व में चीनी की तरह दिखते हैं।" जहां चुनाव के बीच भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया है तो वहीं गर्माहट के बीच कांग्रेस ने बयान से पूरी तरह किनारा कर लिया।

दरअसल, पित्रोदा 'द स्टेट्समैन' को दिए एक साक्षात्कार में भारत की विविधताओं की चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, सीहम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एकजुट कर सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरे जैसे दिखते हैं और शायद दक्षिण के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि भारत के लोग विभिन्न भाषाओं, धर्म, भोजन और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होते हैं। उन्होंने कहा, "यह वह भारत है जिसमें मैं विश्वास करता हूं, जहां हर किसी के लिए जगह है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।"

पित्रोदा के बयान पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

• केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार पियूष गोयल ने कहा, "कांग्रेस दिशाहीन है। वे देश को तोड़ने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। उनके पास न तो कोई नेता है और न ही नेतृत्व। इस बार कांग्रेस पिछली बार की तुलना में आधी सीटों पर रह जाएगी। ऐसे में उनके पास ऐसे विवादास्पद बयान देने के अलावा और कुछ नहीं है।" 

• भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "यह बार-बार स्पष्ट हो जाता है कि सैम पित्रोदा भारत के बारे में क्या समझते हैं। यह स्पष्ट है कि वह असफल हैं। वह देश को नहीं समझते हैं। वह राहुल गांधी के सलाहकार हैं। मैं अब समझ सकता हूं कि राहुल गांधी बकवास क्यों करते हैं। यह हार की हताशा है। वे न तो भारत को समझते हैं और न ही इसकी विरासत को।"

• भाजपा सांसद किरेन रिजिजू ने भी पित्रोदा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य भारत के भीतर विभाजन पैदा करना है। उन्होंने ट्वीट किया, "राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार कहते हैं, दक्षिण भारतीय अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं, सभी उत्तर-पूर्वी लोग चीनी दिखते हैं, पश्चिम भारतीय अरब जैसे और उत्तर भारतीय गोरे जैसे दिखते हैं। इस बयान का लहजा और भाव भारत को विभाजित करना है.. शर्मनाक!"

• असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में से एक थे, जब उन्होंने एक्स पर कहा, "सैम भाई, मैं उत्तर पूर्व से हूं और मैं एक भारतीय की तरह दिखता हूं। हम एक विविध देश हैं - हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सब एक हैं अपने देश के बारे में थोड़ा समझें!"

• तिरुवनंतपुरम से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पित्रोदा की टिप्पणी को 'शर्मनाक' बताया। उन्होंने कहा, "इस तरह से राहुल गांधी को उनके शिक्षक और मार्गदर्शक सैम पित्रोदा ने भारत को बांटना और देखना सिखाया है।"

• बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि पित्रोदा का बयान चर्चिल द्वारा भारतीयों के बारे में कही गई बात से अलग नहीं है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस हमेशा ओजी-ब्रेकिंग इंडिया पार्टी रही है। यह टिप्पणी चर्चिल ने हमारे बारे में जो कहा था उससे अलग नहीं है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि आरजी उनके मार्गदर्शन के बाद भी ऐसे ही हैं!" 

• भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला भी आलोचना में शामिल हो गए और आरोप लगाया कि ये उस व्यक्ति की नस्लवादी टिप्पणियां थीं जो राहुल गांधी के गुरु हैं। उन्होंने कहा, ''यह राहुल गांधी के शब्द और सोच ही हैं क्योंकि राहुल भी इन दिनों फूट डालो और राज करो की राजनीति इस हद तक कर रहे हैं कि पहले वे जाति और भाषा के आधार पर बांटते हैं और अब वे भारतीय बनाम भारतीय कर रहे हैं। क्या यह नस्लवादी टिप्पणी नहीं है? क्या यह अपमानजनक नहीं है? क्या यह टिप्पणी पूरे दक्षिण के लोगों पर नहीं है?"

• हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने भी एक्स पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की पूरी विचारधारा बांटो और राज करो की है। उन्होंने कहा, "सैम पित्रोदा राहुल गांधी के गुरु हैं। भारतीयों के लिए उनके नस्लवादी और विभाजनकारी तंज सुनें। उनकी पूरी विचारधारा बांटो और राज करो के बारे में है। साथी भारतीयों को चीनी और अफ्रीकी कहना घृणित है। कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए!" 

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने छुड़ाया अपना पल्ला

• एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "भारत की विविधता को चित्रित करने के लिए सैम पित्रोदा द्वारा पॉडकास्ट में तैयार की गई उपमाएं सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।"

• शिवसेना (यूबीट) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं। लेकिन, क्या वह घोषणापत्र समिति के सदस्य हैं, कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं और क्या वह इस देश में रहते हैं? वह विदेश में रहते हैं। उनके मुद्दों को देश का मुद्दा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक तरफ यह लोगों के मुद्दे हैं और दूसरी तरफ अमेरिका से सैम पित्रोदा क्या कह रहे हैं, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है, न तो यह कोई मुद्दा है और न ही यह देश उस पर प्रतिक्रिया देना चाहेगा।''

• आप सांसद संजय सिंह का कहना है, "जहां तक सैम पित्रोदा की टिप्पणी का सवाल है, भारतीय गठबंधन का कोई भी नेता इसका समर्थन नहीं करता।"

पित्रोदा ने पहले भी दिया था विवादित बयान 

इससे पहले, पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा के बारे में बोलते हुए विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था कि ये जारी किए गए हैं जिन पर चर्चा की आवश्यकता होगी।

पित्रोदा ने कहा था, "अमेरिका में, विरासत कर है। यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।"

टिप्पणियों के विवाद में घिरने के बाद पित्रोदा ने इस मुद्दे को कमतर करने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्होंने उदाहरण के तौर पर केवल अमेरिका में विरासत कर का हवाला दिया था।

पित्रोदा ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "किसने कहा कि 55 प्रतिशत छीन लिया जाएगा? किसने कहा कि भारत में ऐसा कुछ किया जाना चाहिए? भाजपा और मीडिया क्यों घबराए हुए हैं? मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के रूप में अमेरिका में अमेरिकी विरासत कर का उल्लेख कर सकते हैं। मैं तथ्यों का उल्लेख नहीं कर रहा हूं? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी। इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है।"

हालांकि, कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पित्रोदा की टिप्पणियों से खुद को यह कहते हुए अलग कर लिया कि वे हर समय पार्टी के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad