पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बुधवार को 51.30 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। राज्य में वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 67 फीसदी रहा था। मतदान शाम छह बजे समाप्त हो गया। निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत के आंकड़े बाद में अद्यतन कर सकता है।
निर्वाचन आयोग के ‘वोटर टर्नआउट’ ऐप के अनुसार, उपचुनाव में 51.30 मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया। जालंधर पश्चिम में बहुकोणीय मुकाबला है। यहां प्रमुख राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। उपचुनाव के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में हैं।
कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को पौधे दिए गए। उपचुनाव के दौरान मतदाताओं की तर्जनी की जगह बाएं हाथ की बीच की अंगुली पर अमिट स्याही लगाई गई। यह बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में तर्जनी अंगुली पर स्याही लगाई गई थी। जालंधर पश्चिम सीट शीतल अंगुराल के ‘आप’ विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी। वह मार्च में भाजपा में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस प्रत्याशी सुरिंदर कौर ने पत्रकारों से बातचीत में राज्य की ‘आप’ सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोग सरकार से तंग आ गए हैं और उपचुनाव में सत्तारूढ़ सरकार को सबक सिखाएंगे।‘ आप’ प्रत्याशी मोहिंदर भगत ने विश्वास जताया कि लोग उनकी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे।
पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर को मैदान में उतारा है, जो जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने शीतल अंगुराल को मैदान में उतारा है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पहले सुरजीत कौर को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने बाद में उनसे समर्थन वापस ले लिया।
शिअद ने बाद में जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर कुमार का समर्थन करने की घोषणा की। इस उपचुनाव को मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के खराब प्रदर्शन के बाद उपचुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। ‘आप’ ने पंजाब में 13 संसदीय सीट में से महज तीन पर जीत हासिल की।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए भी यह उपचुनाव महत्वपूर्ण है जो 13 लोकसभा सीट में से सात पर जीत दर्ज करने के बाद जालंधर पश्चिम सीट पर भी अपने उम्मीदवार को विजयी देखना चाहती है। भाजपा के लिए भी यह प्रतिष्ठा का सवाल है जो लोकसभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट न जीत पाने के बाद जालंधर पश्चिम सीट से जीत का स्वाद चखना चाहती है।
इस सीट पर कुल 1,71,963 पात्र मतदाता हैं, जिनमें से 89,629 पुरुष, 82,326 महिलाएं और आठ ट्रांसजेंडर शामिल हैं।मतगणना 13 जुलाई को की जाएगी।