पंजाब विधान सभा में खेती बिलों पर बोलते ‘आप’ के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के हितों में उठाए हर कदम का स्वागत करती है, परंतु मुख्य मंत्री ने जो बिल पेश किया है क्या इनको राज्यपाल, संसद या राष्ट्रपति स्वीकार करेंगे भी या नहीं? इस ने कई ओर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या काले कानूनों को रद्द करके, एमएसपी से कम पर फसल खरीदने वालों को 3 साल की सजा देने से या सभी पंजाब को मंडी यार्ड घोषित करने से मसला हल हो जाएगा?
अमन अरोड़ा ने कहा कि सवाल एम.एस.पी ऐलानने का नहीं बल्कि फसलों की निश्चित रूप से खरीद का है। यदि प्राईवेट खरीददार नहीं आते या केंद्र सरकार साल दो साल में सीसीएल जारी करने से हाथ पीछे कर लेती है तो पंजाब सरकार किसान की फसल का एक-एक दाने की एम.एस.पी पर सरकारी खरीद करने की गारंटी को भी कानूनी दायरे में लाए।
अरोड़ा ने सरकार पर दोष लगाए कि पंजाब सरकार ने तो केंद्रीय काले कानूनों को लागू भी करने लग गई है। इस बारे मीडिया के रूबरू होते दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि अबोहर में किन्नूओं की खरीद करने वाली हिंदुस्तान फार्म डायरैक्ट इनग्रीडियस प्राईवेट लिमटिड कंपनी ने मार्केट समिति अबोहर से केंद्रीय कानूनों के हवाले के साथ 2.70 करोड़ रुपए का चूना पंजाब सरकार को लगा दिया, जिस के लिए खेती मंत्री के तौर पर मुख्य मंत्री और अबोहर के हलका प्रधान जिम्मेदार हैं।