प्रेस वार्ता के दौरान देवेंद्र सहरावत ने कहा कि पार्टी ने आयकर विभाग की नोटिस के बाद दानदाताओं के नाम की सूची अपनी वेबसाइट से हटा ली है। इस सूची में बड़े दानदाताओं की रकम को कम करके दिखाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा आप के संस्थापक सदस्य रहे शांति भूषण ने पार्टी को दो करोड़ रुपये चंदे के रूप में दिए थे,जबकि चुनाव आयोग को 42 लाख रुपये के दान की जानकारी दी गई।
पूर्व आप कार्यकर्ता नील टेरेंस ने बताया कि घोटाले से संबंधित जानकारी पार्टी की वेबसाइट व आयकर विभाग तथा चुनाव आयोग को पार्टी द्वारा दी गई जानकारी की छानबीन के बाद सामने आई है, जिसे साक्ष्य के रूप में पेश किया गया है।
विधायक ने आरोप लगाया कि 6 जून से आप की वेबसाइट से दानदाताओं की सूची गायब है। इससे पार्टी एक्ट, इनकम टैक्स और चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन हुआ है। कई दानदाताओं ने पार्टी को 10-10 लाख रुपये तक दिए, लेकिन चुनाव आयोग और इनकम टैक्स में जो सूची दी गई है, उसमें इसका जिक्र नहीं है। कहीं पर तो पूरी तरह से नाम गायब कर दिए गए हैं, तो कहीं पैसे कम दिखाए गए हैं।
प्रिया बंसल एक दानकर्ता हैं, जिनका गलत पैन कार्ड पार्टी ने वेबसाइट पर दिया था। क्रिया मूवीज के नाम से फर्जी रकम डाली गई। इस तरह के और कई नाम हैं। 26 ऐसे दानकर्ता हैं, जिन्होंने 10-10 लाख रुपये से अधिक दिए, लेकिन उनका ब्योरा नहीं है। उन्होंने कहा कि आप ने एक ग्रुप बनाया है जो विरोध करने वालों को केवल गाली देने का काम करता है, जो भी बोलेगा उसे ट्विटर के जरिए गाली दी जाती है।
मालूम हो कि पिछले दिनों दिल्ली सरकार के मंत्री रहे संदीप कुमार की सेक्स सीडी आने के बाद देवेंद्र सहरावत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पंजाब में आप की कमान संभाल रहे नेताओं पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। इसके बाद से पार्टी से देवेंद्र सहरावत की दूरी लगातार बढ़ी। अब घोटाले के नए आरोप से आप की परेशानी बढ़ सकती है।