उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़कर 'आप' की सरकार आई, लोकपाल बिल पास किया, केंद्र में पास होने के लिए भेजा। हमारे मंत्रियों ने कहीं भी घोटाला नहीं किया। अगर किसी ने किया, तो उसे बाहर कर दिया गया। सिसोदिया ने कहा कि पार्टी हर हाल में प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता बनाए रखेगी।
उन्होंने कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 81% भ्रष्टाचार के मामले कम हुए हैं। शीर्ष स्तर पर करप्शन कम हुआ है। 5139 से घट कर 969 शिकायतें दर्ज हुई हैं। दिल्ली की मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्ता में आई थी और इसके लिए सरकार ने काफी काम किया है। लोकपाल विधेयक पारित करके केंद्र को भेजा गया है तथा सीवीसी की रिपोर्ट में भी भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें कम होना इस बात का सबूत है कि केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस का वादा निभाया है। सिसोदिया ने कहा कि इस बात का खुलासा संसद में पेश की गयी सीवीसी की रिपोर्ट में भी किया गया है।
दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति से जनता में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। दिल्ली सरकार के खिलाफ सीवीसी को मिलने वाली शिकायतों में 81 प्रतिशत की गिरावट आयी है। सरकार में भ्रष्टाचार से जुड़ी 5139 शिकायतें मिली थीं जबकि पिछले साल 969 शिकायतें मिलीं।
सिसोदिया ने इसे सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार के स्तर में 81 प्रतिशत गिरावट का सबूत बताते हुये कहा कि इस उल्लेखनीय गिरावट का कारण सरकार में शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को सही तरह से लागू करना है। सरकार में निचले स्तर पर भ्रष्टाचार की मौजूदगी से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन सरकार के शुरुआती दिनों में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी और मंत्रियों तक को बर्खास्त करने की घटनाओं से सरकार में उपरी स्तर पर भ्रष्टाचार नगण्य हो गया है। हालांकि उन्होंने केंन्द्र सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों में 67 प्रतिशत इजाफे पर तंज भी कसा।