कद्दावर नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने एक क्षेत्रीय न्यूज चैनल को बताया, इस सम्मान को प्राप्त करने में मदद के लिए भूमिका निभाने वाले हर व्यक्ति के प्रति मैं शुक्रगुजार हूं। इस सम्मान का मतलब है कि पिछले कई दशकों के मेरे राजनीतिक करियर में कृषि के क्षेत्र में किए गए मेरे काम को देश ने मान्यता दी है।
पवार ने कहा, पिछले 55 साल में मेरी ओर से किए गए सामाजिक कार्य इस सम्मान के कारण अर्थपूर्ण हो गए हैं। देश में जब कभी तनाव के हालात रहे हैं तो मैंने हमेशा शांति लाने की कोशिश की है।
वर्ष 2004 से 2014 तक देश के कृषि मंत्री रहे पवार ने देश के दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा के बाद ट्वीट कर अपना पुरस्कार किसानों को समर्पित किया। उन्होंने लिखा, मैं यह पुरस्कार किसानों को समर्पित करता हूं जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से इस देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया।
एनसीपी की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शिवसेना और भाजपा ने पवार को पद्म विभूषण दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, सम्मान के लिए उन्हें नामित करने के केंद्र के निर्णय का हम स्वागत करते हैं और उन्हें बधाई देते हैं। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, उनसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बाद भी वह सहकारी आंदोलन के सबसे बड़े और सर्वश्रेष्ठ नेता हैं और महान कृषिविद् हैं।
इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा, हम पवार के काम करने के तरीके को पसंद नहीं करते और राजनीति में मतभेद हैं और हमेशा रहेंगे। लेकिन, राजनीति और कृषि के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय है। भाषा