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एमसीडी चुनाव से पहले 'आप' को झटका, सत्येेंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू

दिल्ली नगर निगम के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
एमसीडी चुनाव से पहले 'आप' को झटका, सत्येेंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू

अरविंद केजरीवाल सरकार ने जैन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा है कि यह नगर निगम चुनावों के पहले जैन की छवि धूमिल करने की कुटिल और हताश कोशिश है। आगामी 23 अप्रैल को दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने हैं, जो भाजपा, आप और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुके हैं।

सीबीआई सूत्रों का दावा है कि 2010-12 के दौरान सत्येंद्र जैन प्रयास इंफो सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड और इंडोमेटल इंपेक्स प्राईवेट लिमिटेड के जरिए 11.78 करोड़ रूपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त थे। उन पर 2015-16 के दौरान लोक सेवक रहते हुए इनमें से तीन कंपनियों के जरिए 4.63 करोड़ रूपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। साल 2013 में विधानसभा चुनावों के पहले इन कंपनियों के निदेशक के तौर पर जैन ने तकनीकी तौर पर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसका संचालन उनके पास ही था। उस वक्त चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार निवारण को मुख्य मुद्दा बनाया था।

आरोप लगाया गया है कि जैन ने गलत तरीके से प्राप्त इस धन का इस्तेमाल दिल्ली में 27.69 करोड़ रूपये की कृषि भूमि खरीदने में किया। दिल्ली सरकार में मंत्री के तौर पर जैन ने कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलने के प्रयास में अपने प्रभाव का कथित तौर पर इस्तेमाल किया।

आरोपों के बारे में सूचना जुटाने की दिशा में प्रारंभिक जांच सीबीआई का पहला कदम होती है। अगर एजेंसी मानती है कि मामले में पहली नजर में सबूत हैं तो वह आरोपियों के खिलाफ नियमित मामला दर्ज कर सकती है। जैन के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू करने का फैसला सीबीआइ ने आयकर विभाग से मिले संदर्भ पर कदम उठाया है। आयकर विभाग ने नए बेनामी लेनदेन निषेध कानून के तहत इस मामले की छानबीन की थी। हालांकि, सत्येंद्र जैन ने पिछले महीने आयकर विभाग द्वारा मामले में उनसे जुड़ी संपत्ति जब्त किये जाने के बाद आरोपों को खारिज किया था। 

शुंगलू कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार द्वारा सत्ता के दुरूपयोग का जिक्र करने के बाद अब सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। हालांकि, पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जैन ने अपने आयकर रिटर्न में अपने सभी निवेश को दिखाया है। उनके खिलाफ लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। जुलाई 2013 में राजनीति में आने से पहले वे सभी कंपनियों के निदेशक पद से हट गए थे।

 

-एजेंसी इनपुट 

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