पश्चिम बंगाल चुनाव के चौथे चरण के नामांकन के आखिरी दिन ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, असदुद्दीन ओवैसी ने फिलहाल इस बात का ऐलान नहीं किया है कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ओवैसी ने इसके साथ ही बंगाल की राजनीति में संशय बरकरार रखते हुए कहा है कि 27 मार्च की जनसभा में इसके बारे में बोलूंगा। इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि इंडियन सेक्युलर पार्टी के बंगाल चुनाव लड़ने की वजह से पार्टी मैदान में नहीं उतरेगी। राजनीतिक गलियारों में अब ये शोर शुरू हो गए हैं कि आखिरी समय में ओवैसी का ये ऐलान से किसका खेला बिगाड़ेगा।
ओवैसी ने कहा है कि पार्टी बंगाल चुनाव लड़ेगी। जहां तक पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उसका संबंध है, मैं 27 मार्च को सागरदगी में एक सार्वजनिक बैठक में बोलूंगा। पश्चिम बंगाल में करीब 31 फीसदी मुस्लिम वोट शेयर है। यदि ओवैसी राज्य चुनाव में उतरते हैं तो इससे सीधे तौर पर भाजपा को फायदा पहुंचेगा। ममता सरीखे अन्य दलों का ओवैसी वोट काटेंगे।
इससे पहले ओवैसी अब्बास सिद्दीकी के साथ चुनाव में उतर ममता के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में थे। लेकिन, अब्बास सिद्दीकी कांग्रेस के साथ चले गए। वहीं, कुछ दिन पहले एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष जमीरुल हसन ने चुनाव से पहले ही पार्टी छोड़ दी। इससे पहले एसके अब्दुल कलाम ने अलग होकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो। अब इस ऐलान के साथ ही सबकी नजर 27 वाली रैली पर है।