समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सपा विधानमंडल का नेता चुनाव गया है। इसके साथ तय हो गया है कि वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। उन्होंने करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा था कि वह विधानसभा में यूपी की जनता के मुद्दे उठाएंगे।
शनिवार को लखनऊ में हुए विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है। विधान मंडल दल का नेता अखिलेश यादव ही रहेंगे। उत्तर प्रदेश सपा प्रमुख नरेश उत्तम ने कहा कि यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही सपा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बता दें कि मैनपुर की करहल विधानसभा सीट से जीतने वाले अखिलेश ने हाल ही में आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी पार्टी की हार को स्वीकार करते हुए योगी आदित्यनाथ को सदन में चुनौती देने का निर्णय लिया था। उत्तम ने कहा कि यादव के नेतृत्व में सपा लोगों से जुड़े मुद्दों को विधानसभा में उठाएगी और राज्य सरकार के झूठे दावों और गलत नीतियों का विरोध करेगी।
सपा विधानमंडल दल की बैठक में शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया जिससे वह नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि मैं पिछले दो दिनों से अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर इस बैठक के लिए लखनऊ में था पर मुझे इसकी सूचना तक नहीं दी। मैं सपा का विधायक हूं। अब मैं इटावा जाऊंगा। मैं आगे क्या करने वाला हूं इसकी सूचना जल्द ही दे दी जाएगी।
शिवपाल यादव ने कहा कि सभी विधायकों को फोन कर बैठक में बुलाया गया लेकिन मुझे पार्टी कार्यालय से कोई सूचना नहीं दी। मैं अब लखनऊ से सीधे इटावा जा रहा हूं। जब मुझे कोई सूचना नहीं दी गई तो मैं बैठक में नहीं जाऊंगा। मैंने समाजवादी पार्टी का प्रचार किया। कुछ जगहों पर मुझे नहीं कहा गया उसके बावजूद मैंने प्रचार किया। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है अभी कोई फैसला नहीं ले रहा हूं। मैं समाजवादी पार्टी की तरफ से विधायक हूं।